रांची: झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की जांच अब CID करेगी। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद DGP अनुराग गुप्ता ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा CID को सौंप दिया है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मामले में CBI जांच की मांग की है।
के विरोध-प्रदर्शन के बाद CID जांच के आदेश
21 और 22 सितंबर को 2025 पदों के लिए CGL परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें राज्यभर के 823 केंद्रों पर 3.04 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। परीक्षा का परिणाम भी घोषित हो चुका है।
हालांकि, परीक्षा के दौरान पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों को लेकर छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया।
- लगातार धरना-प्रदर्शन और आंदोलनों के कारण मामला तूल पकड़ता गया।
- JSSC ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया, फिर भी छात्रों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा था।
इस विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री ने CID जांच के आदेश दिए, जिसके बाद DGP ने जांच शुरू करने को कहा।
BJP ने JSSC पर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया
BJP के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने JSSC पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि आयोग द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद को क्लीन चिट देना, जांच को प्रभावित करने की कोशिश है। उन्होंने कहा:
“मुख्यमंत्री ने CID जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन JSSC का प्रेस कॉन्फ्रेंस सीधे तौर पर इस जांच को प्रभावित करने का प्रयास लगता है।”
CBI जांच की मांग
BJP प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले की CBI जांच की सिफारिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा:
“JSSC अधिकारियों को मिली ईमेल धमकियां बेहद गंभीर हैं। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर संबंधित अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।”
संदिग्ध कार्रवाई पर सवाल
प्रतुल शाहदेव ने JSSC की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए कहा कि:
“आयोग को CID जांच के दौरान संबंधित जानकारी अधिकारियों को देनी चाहिए थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पब्लिक ओपिनियन बनाने और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।”