CIBIL Score Rules: RBI ने CIBIL Score को लेकर बनाए 5 नए नियम, लोन लेने से पहले तुरंत चेक कर लें अपडेट

CIBIL Score Rues: रिजर्व बैंक को क्रेडिट स्कोर को लेकर काफी शिकायतें मिल रही थीं। इसी के चलते कुछ महीने पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से CIBIL स्कोर को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया गया और नियमों को सख्त कर दिया गया। नए नियम अप्रैल 2024 से लागू हो गए हैं। इसके तहत रिजर्व बैंक ने कुल 5 नियम बनाए और लागू किए, आइए इनके बारे में जानते हैं।

1- सिबिल चेक करने की जानकारी ग्राहक को भेजनी होगी

केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उसे उस ग्राहक को इसकी जानकारी भेजना जरूरी है। यह जानकारी एसएमएस या ईमेल के जरिए भेजी जा सकती है। दरअसल, क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही थीं, जिसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया है।

2- अनुरोध अस्वीकार करने का कारण बताना आवश्यक है

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, अगर किसी ग्राहक का अनुरोध अस्वीकार कर दिया जाता है, तो उसे इसका कारण बताना ज़रूरी है। इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि उसका अनुरोध क्यों अस्वीकार किया गया है। अनुरोध अस्वीकार करने के कारणों की एक सूची बनाना और उसे सभी क्रेडिट संस्थानों को भेजना ज़रूरी है।

3- ग्राहकों को साल में एक बार मुफ्त में पूरी क्रेडिट रिपोर्ट दें

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, क्रेडिट कंपनियों को अपने ग्राहकों को साल में एक बार मुफ्त में पूरा क्रेडिट स्कोर उपलब्ध कराना चाहिए। इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक प्रदर्शित करना होगा, जिससे ग्राहक आसानी से अपनी मुफ्त पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देख सकें। इससे ग्राहकों को साल में एक बार अपना सिबिल स्कोर और पूरा क्रेडिट इतिहास पता चल जाएगा।

4- चूक की रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को सूचित करना आवश्यक है

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, अगर कोई ग्राहक डिफॉल्ट करने वाला है, तो डिफॉल्ट की रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को सूचित करना जरूरी है। लोन देने वाली संस्थाओं को एसएमएस/ई-मेल भेजकर सारी जानकारी साझा करनी चाहिए। इसके अलावा बैंकों और लोन देने वाली संस्थाओं को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए। नोडल अधिकारी क्रेडिट स्कोर से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने का काम करेगा।

5- शिकायत का समाधान 30 दिन के भीतर होना चाहिए

अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर ग्राहक की शिकायत का समाधान नहीं करती है तो उसे 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा। यानी जितनी देरी से शिकायत का समाधान होगा, उतना ही ज्यादा जुर्माना देना होगा। लोन देने वाली संस्था को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा। अगर बैंक 21 दिन के अंदर क्रेडिट ब्यूरो को जानकारी नहीं देता है तो बैंक को जुर्माना देना होगा। अगर बैंक की जानकारी के 9 दिन बाद भी शिकायत का समाधान नहीं होता है तो क्रेडिट ब्यूरो को जुर्माना देना होगा।