जब पूरी दुनिया नए साल का स्वागत शांति और समृद्धि की कामना के साथ कर रही है, चीन और ताइवान के बीच तनाव ने 2025 में भी सुर्खियां बटोरी हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने नववर्ष संदेश में ताइवान पर बड़ा बयान दिया, जिससे इस विवादित क्षेत्र पर चर्चा फिर से तेज हो गई।
शी जिनपिंग का ताइवान पर बयान: क्या कहा?
1. ताइवान को ‘एक परिवार’ बताया
शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों किनारों पर रहने वाले चीनी एक परिवार हैं। उन्होंने जोर देकर कहा:
“हमारे बीच नातेदारी के बंधन को कोई खत्म नहीं कर सकता।”
2. ‘एक चीन’ नीति की पुनरावृत्ति
चीन ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का अभिन्न हिस्सा मानता है और ‘एक चीन’ नीति को अपनी कूटनीतिक प्राथमिकता बनाता है।
- शी जिनपिंग ने ताइवान को फिर से चीन में शामिल करने को अपने तीसरे कार्यकाल की प्राथमिकता बताया।
- इसे चीन की प्रमुख सैन्य और राजनयिक रणनीति का हिस्सा माना जाता है।
3. वैश्विक समुदाय की चिंता
शी के बयान ने न केवल ताइवान बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी चिंता पैदा की है। अमेरिका, जापान और अन्य देशों ने पहले ही ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थन में बयान दिए हैं।
चीन की विदेश नीति: वैश्विक प्रभाव और भूमिका
1. ‘ग्लोबल साउथ’ के साथ सहयोग
शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में ग्लोबल साउथ के देशों के साथ सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया।
- उन्होंने कहा कि चीन वैश्विक शासन में सुधार के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
- चीन ने विश्व शांति और स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई।
2. ‘जिम्मेदार देश’ के रूप में चीन
शी ने चीन को एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि चीन वैश्विक मुद्दों का समाधान खोजने में योगदान दे रहा है, चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो या वैश्विक अर्थव्यवस्था।
चीन की आर्थिक स्थिति: जनता को आश्वासन
1. कोविड-19 के बाद आर्थिक चुनौतियां
- कोविड-19 महामारी के बाद चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी गई।
- रियल एस्टेट क्षेत्र की समस्याएं और बढ़ती बेरोजगारी बड़ी चुनौतियां बनीं।
2. जीडीपी और अनाज उत्पादन पर फोकस
- शी ने कहा कि 2024 में चीन का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 130 ट्रिलियन युआन (लगभग 18.08 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंचने की उम्मीद है।
- उन्होंने बताया कि अनाज उत्पादन 70 करोड़ टन से अधिक हो चुका है।
3. इलेक्ट्रिक वाहन निर्यात
चीन के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग ने वैश्विक बाजार में मजबूती दिखाई है।
- हालांकि, अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए आयात शुल्क ने इस क्षेत्र को झटका दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी: चीन के लिए नई चुनौती
1. ट्रंप के पहले कार्यकाल की नीतियां
- डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में चीन पर 380 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का आयात शुल्क लगाया था।
- उन्होंने चीन पर अमेरिका को धोखा देने और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं का आरोप लगाया।
2. ट्रंप की नई धमकियां
अपने हालिया चुनाव अभियान में, ट्रंप ने:
- चीनी आयात पर 60% शुल्क लगाने की बात कही।
- चीन की तकनीकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया।
- कोविड-19 महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया।
3. चीन-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर असर
ट्रंप की वापसी से चीन के साथ अमेरिका के व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध और तनावपूर्ण हो सकते हैं।
ताइवान पर चीन की रणनीति: सैन्य और कूटनीतिक कदम
1. सैन्य दबाव
चीन ने ताइवान के आसपास अपने सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं।
- ताइवान स्ट्रेट में चीनी नौसेना और वायुसेना की गतिविधियां बढ़ी हैं।
- यह कदम ताइवान पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए उठाया गया है।
2. कूटनीतिक प्रयास
चीन ने ताइवान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की रणनीति अपनाई है।
- उसने ताइवान के राजनयिक सहयोगियों की संख्या कम करने के लिए आर्थिक और राजनीतिक दबाव डाला है।