चीन की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी थ्री गॉर्जेस कॉर्पोरेशन ने डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DR कांगो) में प्रस्तावित ग्रैंड इंगा डैम निर्माण परियोजना से अपना हाथ खींच लिया है। यह परियोजना अफ्रीका के ऊर्जा संकट को हल करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा जलविद्युत संयंत्र बनने का दावा करती थी। चीन का यह कदम परियोजना की प्रगति को एक बड़ा झटका दे सकता है।
ग्रैंड इंगा डैम: एक महत्वाकांक्षी परियोजना
ग्रैंड इंगा डैम का निर्माण कांगो नदी पर प्रस्तावित है, और इसे विश्व का सबसे बड़ा जलविद्युत संयंत्र बनने की उम्मीद थी। अनुमानित 40,000 मेगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता के साथ, यह परियोजना अफ्रीका के ऊर्जा संकट को हल करने में अहम भूमिका निभा सकती थी। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में परियोजना में लगातार देरी हो रही है और निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
चीन के कदम पीछे हटने के कारण
चीन की थ्री गॉर्जेस कॉर्पोरेशन ने अपनी भागीदारी से पीछे हटने का फैसला लिया है, लेकिन इस फैसले के पीछे के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि परियोजना की उच्च लागत, सरकारी अस्थिरता और पर्यावरणीय चिंताएं इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, चीन की अन्य परियोजनाओं और निवेशों के लिए प्राथमिकता बदलने का भी प्रभाव हो सकता है।
परियोजना पर पड़ने वाला प्रभाव
चीन के इस कदम के बाद, ग्रैंड इंगा डैम परियोजना का भविष्य अब और भी अनिश्चित हो सकता है। कांगो सरकार और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के बीच इस परियोजना को लेकर विवाद पैदा हो सकता है, खासकर जब इसकी अनुमानित लागत लगभग 80 बिलियन डॉलर है। कांगो सरकार पहले से ही अस्थिरता और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही है, जिससे निर्माण कार्य में और मुश्किलें आ सकती हैं।
अफ्रीका के ऊर्जा संकट का समाधान?
ग्रैंड इंगा डैम परियोजना का महत्व अफ्रीका के ऊर्जा संकट को देखते हुए बेहद अहम था। अफ्रीका में लाखों लोग बिना बिजली के जीवन बिता रहे हैं और इस जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स से ही अफ्रीका की बिजली जरूरतें पूरी की जा सकती थीं। हालांकि, चीन के इस निर्णय से अफ्रीका के लिए यह परियोजना एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
क्या कांगो सरकार और अंतर्राष्ट्रीय साझेदार इस परियोजना को फिर से शुरू कर पाएंगे?
अब यह सवाल उठता है कि कांगो सरकार और अन्य अंतर्राष्ट्रीय साझेदार इस परियोजना को फिर से शुरू कर पाएंगे या नहीं। कांगो सरकार का दावा है कि परियोजना पर काम जारी है, लेकिन थ्री गॉर्जेस कॉर्पोरेशन का इस परियोजना से बाहर निकलना इस बड़े सपने को साकार करने में और भी कठिनाई पैदा कर सकता है।