मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया कांगड़ा जिला से राजनीतिक और प्रशासनिक भेदभाव: भाजपा

धर्मशाला, 16 अप्रैल (हि.स.)। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर कांगड़ा जिला से राजनीतिक और प्रशासनिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि इसका खामियाजा जिला की जनता पिछले 15 माह से भुगत रही है। उन्होंने सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा कि मुख्यमंत्री जब भी चुनावी बेला में धर्मशाला आएं तो उन्हें यहां आने से पहले भारतीय जनता पार्टी और विशेष कर धर्मशाला की जनता के कुछ प्रश्नों के जबाव देने होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात का जबाव देना चाहिए कि उनकी राजनीतिक खुन्नस का परिणाम पिछले 15 महीने से धर्मशाला और कांगड़ा जिला की जनता क्यों भुगत रही है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि जिस केंद्रीय विश्वविद्यालय को मुद्दा बनाकर कांग्रेस पार्टी ने जिला में जीत हासिल की थी आखिर उस केंद्रीय विश्वविद्यालय को लेकर मुख्यमंत्री का सौतेला व्यवहार क्यों है। जुलाई 2023 से 30 करोड़ रुपए वन एवं पर्यावरण विभाग को वनों के कटान के एवज में सरकार ने जमा क्यों नहीं करवाए। बावजूद इसके कि राजनीतिक व सामाजिक संगठन एवं बुद्धिजीवी वर्ग और यहां के नौजवान पिछले एक वर्ष से लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं और सरकार को पैसा जमा करने के लिए गुहार लगा रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ने हर बार कोई ना कोई बहाना लगाकर टालमटोल का रवैया अपना रखा है। मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि वह क्यों धर्मशाला के जदरांगल में क्यों केंद्रीय विश्वविद्यालय का उत्तर क्षेत्र परिसर नहीं बनने देना चाहते।

उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी पूछा है कि धर्मशाला में स्मार्ट सिटी निर्माण कार्यों में पिछले 15 महीनों में बेतरतीव निर्माण कार्य चल रहे हैं जिनमें कोई गुणवत्ता नहीं है और लेकिन किसी भी ठेकेदार या अधिकारी की जवाब देही तय नही की जा रही है। यही नही इन निर्माण कार्यों को लेकर स्थानीय विधायक ने भी बहुत बार जांच की मांग सरकार से की थी। यहां तक की उन्होंने इन सभी कार्यों की जांच सीबीआई से करवाने की भी मांग की थी लेकिन मुख्यमंत्री की क्या मजबूरी है कि वह 15 महीने से हो रहे इन निर्माण कार्यों के ऊपर आंख बंद करके बैठे हैं और कोई भी संज्ञान इस मुद्दे पर नहीं लिया गया है। उन्होंने पूछा कि आखिर मुख्यमंत्री किन ठेकेदारों और अधिकारियों को बचाना चाहते हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि क्यों पिछले 15 महीने में कांगड़ा जिला को कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट नहीं दिया गया। क्यों कांगड़ा के साथ सौतेला व्यवहार मुख्यमंत्री करते रहे हैं। मुख्यमंत्री कांगड़ा के साथ राजनीतिक भेदभाव और प्रशासनिक भेदभाव कर रहे हैं और कांगड़ा की जनता को धोखा दिया जा रहा है। यहां तक की एक प्रोजेक्ट जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री ने किया उसके लिए भी कानूनन धज्जियां उड़ाई गई। जिला के बनखंडी क्षेत्र में वन्य प्राणी उद्यान पार्क के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने शिलान्यास तो कर दिया लेकिन उसके लिए जो कानूनी औपचारिकताएं थी उनको पूरा नहीं किया गया। निर्माण कार्य आरंभ करने से पहले सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति जो कि ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान करती है और अनुमति के बाद ही निर्माण कार्य की इजाजत देती है लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए स्वीकृति नहीं ली गई और आनन-फानन में शिलान्यास करवा दिया गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस योजना के निर्माण की शुरुआत भी नहीं हो पाएगी और कांगड़ा की जनता के साथ एक बार फिर धोखा होगा। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रश्नों का उत्तर कांगड़ा जिला और खासकर धर्मशाला की जनता मुख्यमंत्री से जानना चाहती है।