जेपी नड्डा नहीं राहुल गांधी को सलाह दें मुख्यमंत्री सुक्ख: रणधीर शर्मा

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शिमला, 19 सितंबर (हि.स.)। प्रदेश भाजपा के मीडिया विभाग के प्रभारी व विधायक रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नसीहत देने के बजाय राहुल गांधी को देश विरोधी बयान नहीं देने की सलाह देनी चाहिए। रणधीर शर्मा ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि जिस पार्टी में अनुशासन नाम की चीज नहीं है, उसके द्वारा यह कहना सही नहीं है।

उन्होंने केंद्र सरकार के पास 23 हजार करोड़ रुपए पेंडिंग होने और प्रदेश से भेदभाव करने के मुख्यमंत्री के बयान पर भी पलटवार किया। रणधीर ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश सरकार को राज्य की अनुमानित दर से भी बजट मिला था। राज्य को 2023-24 में केंद्रीय करों में 8478 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी अनुमानित थी, जबकि केंद्र ने 9167 करोड़ 23 लाख रुपए दिए हैं। इसी तरह 2024-25 में हिमाचल सरकार को 10124 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान था, जबकि केंद्र ने प्रदेश को 10351 करोड 82 लाख रुपए दिए है। 2023-24 में 13249 करोड़ रुपए और 2024-25 में 13287 करोड़ रुपए केंद्र ने हिमाचल को दिए हैं।

रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल की आर्थिक सेहत फिजूलखर्ची और राज्य के कुप्रबंधन की वजह से बिगड़ रही है। राज्य सरकार इसके लिए केंद्र पर दोष मढ़ कर अपनी कमियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।

मस्जिदों में अवैध निर्माण के मुद्दे पर मचे कोहराम पर रणधीर शर्मा ने कहा कि राज्य में रोजी-रोटी कमाकर कुछ लोग सरकारी जमीन पर बने अवैध भवनों व मस्जिदों में रह रहे हैं। ऐसे लोग असामाजिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, जिसके कारण समाज में तनाव पैदा हो रहा है। इससे समाज को आंदोलन करने की स्थिति में आना पड़ा।

रणधीर शर्मा ने कहा कि, मस्जिद विवाद से उपजे हालात के बाद प्रदेशभर में लोग आंदोलित है। इस स्थिति को संभालने के लिए सीएम ने बीते 13 सितंबर को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मीटिंग के बाद सीएम ने एक स्टेटमेंट दी और कहा कि यह सहमति बनी कि बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की पहचान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष के अध्यक्षता में दोनों दलों के विधायकों वाली समिति का गठन करना था जो की नहीं किया गया। विवाद के निपटाने को एक कमेटी बनाई जाएगी। दूसरी कमेटी (स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के लिए) बनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से बात करेंगे। मगर एक सप्ताह बीतने को आ गया। अभी तक कमेटी का गठित नहीं किया गया। इससे पता चलता है कि इतने गंभीर मसले को लेकर मुख्यमंत्री कितने गंभीर हैं।