मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए गांवों को आकांक्षी गांवों के रूप में लें: मुख्यमंत्री

देहरादून, 02 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने कुपोषण से मुक्ति,मातृ-शिशु मृत्यु दर को और कम करने के लिए राज्य के कुछ गांवों को आकांक्षी गांवों के रूप में लेने के निर्देश दिए। गर्भवती माताओं का ट्रेकिंग सिस्टम अपडेट रखने के साथ ही एनीमिया की कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को मिलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चत करने को कहा।

मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला सशक्तिकरण व बाल विकास विभाग की समीक्षा की। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि बच्चों में कुपोषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जच्चा और बच्चा दोनों का स्वस्थ रहना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में आंगनबाड़ी कार्यकत्री और एएनएम के माध्यम से गर्भवती माताओं का ट्रेकिंग सिस्टम अपडेट रखने के अधिकारियों को निर्देश दिए। एनीमिया की कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को मिलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चत की जाए। आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों और माताओं को दिए जाने वाले पुष्टाहार की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुष्टाहार की आकस्मिक रूप से गुणवत्ता जांच भी की जाए।

बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाओं को और अधिक व्यवहारिक बनाएं:

मुख्यमंत्री ने कुपोषण से मुक्ति के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को आपसी समन्वय के साथ संचालित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत राज्य में बालिकाओं को बेहतर शिक्षा और आत्मनिर्भर बनाने के लिए निर्धारित योजनाओं को और अधिक व्यावहारिक बनाने पर जोर दिया। इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं के कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान देने को कहा।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर,मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, चन्द्रेश यादव, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशांत आर्य उपस्थित थे।