कोलकाता, 28 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की स्वास्थ्य साथी योजना के तहत धन के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने विधानसभा में कहा कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने आर.जी. कर अस्पताल विवाद का जिक्र करते हुए बताया कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान सरकारी अस्पतालों में इलाज बाधित हुआ, जिससे निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य साथी योजना के तहत खर्च अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि जिस समय आर.जी. कर अस्पताल के डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे, उस समय स्वास्थ्य साथी योजना के तहत बहुत अधिक पैसा खर्च हुआ। यह पैसा जनता का है और इसका दुरुपयोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 10 अगस्त से 18 सितंबर के बीच स्वास्थ्य साथी योजना के तहत 315 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यह राशि अन्य समय की तुलना में काफी अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, हड़ताल के दौरान प्रतिदिन औसतन 7.86 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो सामान्य दिनों की तुलना में प्रतिदिन 1.13 करोड़ रुपये अधिक है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ डॉक्टरों ने सरकारी अस्पतालों में काम न करते हुए निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस की, जिससे योजना के तहत खर्च बढ़ा। उन्होंने कहा कि जनता का पैसा दुरुपयोग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि सरकार इस मामले की तह तक जाएगी। उन्होंने कहा, “यह सच है कि हमारी बड़ी राशि खर्च हुई है। यह जांच का विषय है कि किसने और कैसे इस धन का दुरुपयोग किया। दोषियों को सजा मिलेगी।”
मुख्यमंत्री ने आर.जी. कर अस्पताल के विवाद को भी उठाते हुए कहा कि मामला अभी न्यायालय में है, लेकिन इस दौरान योजना में खर्च का बढ़ना चिंताजनक है। उन्होंने विधानसभा में कहा, “हमें यह समझना होगा कि जनता के पैसे का सही इस्तेमाल हो। यदि इसमें गड़बड़ी होती है, तो दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।”