देहरादून, 26 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट की और उन्हें पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दायित्व मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण और गैर वानिकी परियोजनाओं, राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता के भवन निर्माण के लिए वन भूमि हस्तान्तरण का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि वर्तमान में जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य गतिमान है। इसके लिये वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि का हस्तान्तरण किया जाना है। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए जौलीग्रान्ट के आस-पास के क्षेत्रों की कुल 96.2182 हेक्टेयर भूमि में से 87.0815 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की भी अधिग्रहण की जानी है। इस सम्बन्ध में उच्च न्यायालय की ओर से राज्य सरकार/वन विभाग के पक्ष में निर्णय पारित किया जा चुका है। न्यायालय के उक्त निर्णय के उपरान्त जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के विस्तारण के लिए वन विभाग की उक्त 87.0815 हेक्टेयर भूमि नागरिक विभाग को हस्तान्तरण करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को यह भी जानकारी दी कि वर्तमान में जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट से काठमाण्डू (नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किये जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जिसके दृष्टिगत जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्यवाही को गति देने की नितान्त आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण एवं कब्जे की प्रक्रिया सम्पन्न होने के उपरान्त भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की ओर से जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण कर कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि भारत सरकार के उपक्रमों की ओर से कराये जा रहे गैर वानिकी परियोजना के लिए पूर्व की भांति राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ में क्षतिपूरक वृक्षारोपण कराने व इन सभी प्रयोजन के लिये गतिमान वन भूमि हस्तान्तरण प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनपद रुद्रप्रयाग के विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के अंतर्गत चोपता (तल्लानागपुर) में वर्ष 2014 से राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता का संचालन किराए के भवन में किया जा रहा है। उन्होंने इसके दृष्टिगत राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता की स्थापना के लिए पूर्व में राजस्व ग्राम कुंडा दानकोट में चयनित 02 हेक्टेयर वन भूमि को हस्तांतरण करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता की स्थापना के लिए उक्त क्षेत्र के अन्तर्गत कहीं भी गैर वन भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है। राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता की स्थापना के लिए चयनित वन भूमि लगभग 08 वर्षों से संस्था को हस्तान्तरित न होने के कारण संस्था का संचालन किराये के भवन में किया जा रहा है, जिससे वहां के नवयुवक/युवतियों को रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने का उद्देश्य सफल नहीं हो पा रहा है। वन भूमि हस्तान्तरण से पॉलिटेक्निक अपने भवन में संचालित हो सकेगा और छात्रों को सुविधा होगी।