Chhattisgarh weather : बस्तर में सैलाब का तांडव, कहीं उजड़ गया पूरा परिवार, कहीं 100 से ज़्यादा गांव टापू बने, 5 की मौत
News India Live, Digital Desk: Chhattisgarh weather : छत्तीसगढ़ के बस्तर में इस बार मानसून बनकर नहीं, बल्कि आफत बनकर बरसा है। पिछले 48 घंटों की मूसलाधार बारिश ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी है। नदियां उफान पर हैं, सड़कें गायब हो चुकी हैं और सैकड़ों गांव का संपर्क पूरी दुनिया से कट गया है। इस जल प्रलय ने अब तक 5 जिंदगियों को निगल लिया है, जिसमें एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं, जिनकी दर्दनाक मौत की कहानी सुनकर किसी का भी दिल दहल जाएगा।
एक भूल और खत्म हो गया पूरा परिवार
सबसे दिल दहलाने वाली खबर बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क से आई। रायपुर के रहने वाले राजेश कुमार अपनी पत्नी पवित्रा और दो मासूम बेटियों (सौजन्या और सौमैया) के साथ बस्तर घूमने आए थे। मंगलवार शाम को जब वे एक रपटा (छोटी पुलिया) पार कर रहे थे, तो शायद उन्हें पानी के तेज बहाव का अंदाजा नहीं था। अचानक पानी का एक विकराल सैलाब आया और उनकी कार को तिनके की तरह बहा ले गया। ड्राइवर लाला यादव ने तो किसी तरह एक पेड़ की टहनी पकड़कर अपनी जान बचा ली, लेकिन कार में सवार पूरा परिवार पानी के कहर में समा गया। बाद में जब पानी उतरा तो चारों के शव बरामद हुए, इस घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। वहीं, बीजापुर में भी एक व्यक्ति के नदी के तेज बहाव में बह जाने की खबर है, जिनकी तलाश अभी जारी है।
बस्तर बन गया "टापू", 100 से ज़्यादा गांवों का संपर्क टूटा
बारिश का कहर ऐसा है कि बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले के 100 से भी ज़्यादा गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से पूरी तरह टूट चुका है। नेशनल हाईवे के कई हिस्से पानी में डूब गए हैं और कई पुल-पुलिया बह गए हैं।हालात इतने गंभीर हैं कि लोगों को बचाने के लिए अब हेलिकॉप्टर की मदद लेनी पड़ रही है। SDRF और पुलिस की टीमें दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं।अब तक 2000 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित निकालकर 43 राहत शिविरों में पहुंचाया जा चुका है, जहां उनके खाने-पीने और रहने का इंतजाम किया गया है।
सरकार की नजर, मुख्यमंत्री विदेश से ले रहे जायजा
बस्तर के इन भयावह हालात पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। अपने विदेश दौरे पर होने के बावजूद, वह फोन पर लगातार अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं और राहत-बचाव के काम में कोई कमी न आने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन की टीमें अलर्ट पर हैं और कोशिश की जा रही है कि फंसे हुए हर एक व्यक्ति तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जाए।
यह बारिश बस्तर के लोगों के लिए एक कभी न भूलने वाला दर्द दे गई है। सैकड़ों घर या तो पूरी तरह तबाह हो गए हैं या उनमें रहना मुश्किल है।अब सबकी निगाहें आसमान की ओर हैं कि ये आफत की बारिश कब थमेगी और जिंदगी दोबारा कब पटरी पर लौटेगी।
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