Chhattisgarh Rain : बलरामपुर में टूटा 45 साल पुराना बांध, नींद में ही बह गया पूरा परिवार, 4 की मौत, 3 अब भी लापता
News India Live, Digital Desk: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में मंगलवार देर रात आसमान से आई आफत ने कई जिंदगियों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया। यहां भारी बारिश के कारण लगभग 45 साल पुराना एक मिट्टी का बांध टूट गया, जिससे आई बाढ़ ने सोते हुए लोगों को संभलने का मौका तक नहीं दिया। इस दर्दनाक हादसे में अब तक एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
रात के अंधेरे में आया मौत का सैलाब
घटना विश्रामनगर के पास धनेशपुर गांव की है, जहां लुटी नामक यह बांध बना हुआ था। पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते यह पुराना बांध लबालब भर गया था। मंगलवार देर रात करीब 11 बजे अचानक बांध का एक बड़ा हिस्सा टूट गया और पानी का सैलाब विकराल रूप लेकर निचले इलाके में बसे घरों की ओर बढ़ने लगा।
पानी का बहाव इतना तेज था कि लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही उसने दो घरों को अपनी चपेट में ले लिया। एक घर रामवृक्ष नामक व्यक्ति का था, जो उस वक्त अपने मवेशियों को देखने गया था। लेकिन जब तक वह लौटता, तब तक बाढ़ उसके पूरे परिवार को बहा ले गई थी। घर में सो रही उसकी पत्नी, दो बहुएं और तीन मासूम पोते-पोतियां पानी के साथ बह गए।[
मातम में डूबा गांव, चारों तरफ चीख-पुकार
इस हादसे में अब तक चार शव बरामद किए गए हैं, जिनमें सास-बहू भी शामिल हैं। वहीं, दो बच्चों समेत तीन लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश में एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं।लापता लोगों के पास की कनहर नदी में बह जाने की आशंका जताई जा रही है, जिससे उनके बचने की उम्मीद कम होती जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, यह बांध 1980 के दशक में बनाया गया था और कुछ साल पहले इसकी मरम्मत भी हुई थी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस घटना पर दुख जताते हुए प्रशासन को प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद देने के निर्देश दिए हैं। इस घटना ने पूरे गांव को मातम में डुबो दिया है और पुराने बांधों की सुरक्षा पर भी एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है।
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