छत्तीसगढ़ दवा निगम ने आयकर विभाग के निर्देश  को नजरअंदाज कर दवा कंपनी को किया भुगतान, होगी जांच 

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रायपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ दवा निगम (सीजीएमएससी) के महा प्रबंधक (वित्त) ने केंद्रीय आयकर विभाग के पत्र को नजरअंदाज करके एक कंपनी को किए गए भुगतान की जांच होगी। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगवा से इस मामले में शिकायत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

अपर मुख्य सचिव पिंगुवा ने बताया कि केंद्रीय आयकर विभाग के लिखित निर्देश के बावजूद सीजीएमएससी के महाप्रबंधक (वित्त) ने दवा कंपनी मेसर्स एएनजी लाइफ साइंस इंंडिया लि. काे भुगतान कर दिया। हालांकि महाप्रबंधक (वित्त) ने भुगतान के संबंध में आयकर विभाग का पत्र नहीं मिलने का बयान दिया है। जबकि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में दवा कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए महाप्रबंधक (वित्त) के आयकर विभाग के पत्र को अनदेखा करने की बात कही जा रही है।

इस संबंध में शिकायतकर्ता रामअवतार केडिया ने बताया कि 30 जून 2023 को ही शाम 5 बजकर 5 मिनट पर कंपनी एएनजी लाइफ साइंस इंंडिया द्वारा अपने पंजाब नेशनल बैंक के खाते के बंद होने और केनरा बैंक के खाते में भुगतान करने के संबंध में मेल से अनुरोध किया। कंपनी का मेल शाम को पांच बजकर पांच मिनट पर प्राप्त होने के बाद भी सीजीएमससी के रिकार्ड में बदलाव करके भुगतान भी कर दिया गया। जबकि उसी दिन महाप्रबंधक (वित्त) ने इसी दिन आयकर विभाग का पत्र मिलने की बात स्वीकारी है। इसकी जांच और आयकर विभाग के मेल की जांच तकनीकी अधिकारियों से होनी चाहिए।

उल्लेखनीय कि केंद्रीय आयकर विभाग ने 16 जून 2023 को सीजीएमससी को पत्र लिखकर दवा कंपनी मेसर्स एएनजी लाइफ साइंस इंंडिया लि. का भुगतान दो करोड़ 78 लाख रुपये रोकने के लिए आदेशित किया था। मेसर्स एएनजी लाइफ साइंस इंंडिया लि.कंपनी ने कई वर्षों का टीडीएस का भुगतान 12.30 करोड़ रुपये नहीं किया था। इसके बावजूद सीजीएमएससी द्वारा कंपनी को भुगतान कर दिया गया, जिसकी रिकवरी के लिए धारा 226(3) के तहत सीजीएमएससी को आयकर विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया था।

विभाग के अपर सचिव ने इस मामले में कहा है पूरे प्रकरण की पुन: जांच होगी। आयकर विभाग से आए मेल की जांच तकनीकी अधिकारी से कराई जाएगी और जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।