छतरपुर: बागेश्वर धाम बना जनकपुर, पंचम महाकुंभ में 156 कन्याएं बंधेंगी परिणय सूत्र में

छतरपुर, 7 मार्च (हि.स.)। करोड़ों लोगों की आस्था के केन्द्र सिद्ध स्थल बागेश्वर धाम में जिस घड़ी का इंतजार था वह आ चुकी है। शुक्रवार को 156 बेटियों को सुखमय जीवन बिताने के लिए बालाजी का आशीर्वाद मिलने जा रहा है। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री गरीब, बेसहारा, असहाय बेटियों को लाखों रुपए की गृहस्थी का सामान देकर ससुराल विदा करेंगे।

इससे पहले गुरुवार को भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणि माता के विवाह की कथा सुनाई गई। कथा व्यास वृंदावन धाम से पधारे प्रख्यात कथा वाचक पं. इन्द्रेश उपाध्याय ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए अमृतमयी वाणी से श्रीकृष्ण और रुक्मिण जी के विवाह की कथा सुनाई। इस विवाह की कथा के बाद सुदामा चरित्र का वर्णन किया गया। कथा व्यास श्री उपाध्याय ने कहा कि सुदामा जी जैसा मित्र यदि हो तो कभी भी मित्र विपत्ति से ग्रसित नहीं हो सकता, क्योंकि सुदामा जी ने श्रापित चने सिर्फ इसलिए खाए थे ताकि उनका सखा कृष्ण गरीबी के श्राप से बच सके। भगवान श्रीकृष्ण ने भी मित्र सुदामा से ऐसी मित्रता निभाई कि देने के समय यह भी भूल गए कि उनके पास क्या बच रहा है। सुदामा और कृष्ण की मित्रता के प्रसंग में उपस्थित लाखों लोगों की आंखें नम हो गईं। कथा के अवसर पर हंसमुख बाबा, राजू दास महाराज अयोध्या सहित अन्य संत वृंद उपस्थित रहे।

हमारे त्यौहार, हमारी संस्कृति के परिचायक हैं: अनिरुद्धाचार्य महाराज

जाने-माने कथा व्यास और बेसहारा वृद्ध महिलाओं की सेवा करने वाले वृंदावन धाम के अनिरुद्धाचार्य महाराज भी बागेश्वर धाम पहुंचे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि बेटियों के विवाह से बड़ा परहित नहीं है। मानव जाति की सेवा ही हमारी संस्कृति में सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। हमारे ग्रंथों में भारत का उल्लेख है, इसलिए भारत हमारा देश है। हमारे त्यौहार अहिंसा के साथ मनाए जाते हैं, हमारे त्यौहार ही हमारी संस्कृति का परिचय देते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू बनाने नहीं हिंदुओं को बचाने की जरूरत है। यदि हम अपने आसपास की व्यवस्था दुरुस्त करेंगे तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। हम लोगों के पास जाकर उन्हें उनके संस्कारों को याद दिलाएं ताकि वे धर्म परिवर्तन से बच सकें।

बागेश्वर धाम का दीपक विश्व में जगमगा रहा: स्वामी रामकृष्णाचार्य महाराज

नेपाल की धरती से पधारे रामानंदा संप्रदाय के स्वाकी रामकृष्णाचार्य महाराज ने कहा कि बागेश्वर धाम का दीपक पूरे विश्व में जगमगा रहा है। यहां के प्रकाश से लोगों के जीवन में प्रकाश आ रहा है। बागेश्वर धाम ऐसा स्थान है, जहां अनेक महापुरुषों ने तप किया। संन्यास बाबा के प्रकाश से जन कल्याण हो रहा है। बागेश्वर महाराज सोए हुए सनातनियों को जगाने के लिए दिन-रात लगे हैं।

युवा शक्ति जाग रही है: लक्ष्यराज प्रताप सिंह

परम पराक्रमी महाराणा प्रताप के वंशज मेवाड़ राजवंश के राजकुमार लक्ष्यराज प्रताप सिंह ने भी बागेश्वर धाम में अपनी हाजिरी लगाई। उन्होंने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उनको बागेश्वर धाम सरकार का सानिध्य मिला। उन्होंने कहा कि आज देश की युवा शक्ति जाग रही है और यही युवा शक्ति भारत का दुनिया में परचम लहराएगी। मेवाड़ के 1500 वर्ष के इतिहास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मेवाड़ के राजा उनके वंशज नहीं बल्कि भगवान भोलेनाथ हैं। मेवाड़ ने कभी स्वाभिमान से समझौता नहीं किया।

भेद-भाव रहित समाज से ही भारत बनेगा हिंदू राष्ट्र: बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने आए हुए संतों और राजपीठ के सभी सदस्यों का बागेश्वर धाम के आंगन में स्वागत करते हुए कहा कि यहां से पूरी दुनिया में भेदभाव रहित समाज का संदेश दिया जा रहा है। सिर्फ बागेश्वर धाम ऐसा तीर्थ हैं, जहां ब्राह्मण की कन्या का जिस मंडप में विवाह हो रहा है उसी मंडप में बंसल समाज की बेटी का पाणिग्रहण भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक आपसी भेदभाव नहीं मिटेगा तब तक भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कल्पना पूर्ण नहीं होगी।

अगर तुझे हो गया कुछ, तो सारी दुनिया जला देंगे: बी. प्राक

बागेश्वर धाम के सांस्कृतिक मंच से हर रोज भगवान के नाम और चरित्र की महिमा का बखान किया जा रहा है। देश की चोटी के भजन गायकों से लेकर बुंदेलखंड की माटी के साहित्य साधकों को प्रस्तुति करने का अवसर मिल रहा है। बीती रात फिल्मों में गीत गाने वाले बी. प्राक ने अपनी महफिल सजाई। रात करीब 9 बजे से शुरु हुई भजनों की प्रस्तुति बिना रुके 1 बजे तक चलती रही। बी. प्राक ने जब फिल्म में गाए हुए गाने तेरी मिट्टी में मिल जावां को गाना शुरु किया तो उपस्थित लाखों श्रोताओं के रोम-रोम में एक अलग चेतना दिखी। उन्होंने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर को प्रणाम करते हुए गीत को उनकी ओर समर्पित किया और कहा कि अगर तुझे हो गया कुछ तो सारी दुनिया जला देंगे। बिना राधा के मोहन भी आधा गीत के अलावा संतों के पीछे-पीछे चले हरिदासी, की जौ केसरी के लाल मेरा छोटा से ये काम, हर दुखिया का हाल तुम लेते हो जान, गोपाल संवरिया वाले, भजमन राधे गोविंद जैसे सुमधुर गीतों को सुनाकर रस बरसा दिया।