चेक का पैसा अब घंटों में मिलेगा, दिनों में नहीं! RBI ने बदल दिया सालों पुराना क्लीयरेंस का नियम

Post

आज के डिजिटल युग में जहां UPI, IMPS और NEFT से चुटकियों में पैसा एक खाते से दूसरे खाते में पहुंच जाता है, वहीं चेक से पेमेंट आज भी कई लोगों के लिए एक धीमा और लंबा इंतजार वाला सौदा लगता है। चेक जमा करने के बाद 2 से 3 दिन तक यह चिंता बनी रहती है कि पैसा खाते में कब आएगा। लेकिन अब यह इंतजार खत्म होने वाला है! भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक क्लीयरेंस सिस्टम में एक क्रांतिकारी बदलाव की घोषणा की है, जो 4 अक्टूबर, 2025 से लागू हो जाएगा।

इस नए नियम के बाद, अब आपको चेक के पैसे के लिए दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। चेक क्लियर होने की प्रक्रिया इतनी तेज हो जाएगी कि जिस दिन आप चेक जमा करेंगे, उसी दिन आपके खाते में पैसा आ सकता है। यह बदलाव न केवल आम लोगों के लिए, बल्कि विशेष रूप से कारोबारियों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। चलिए इस नए नियम को विस्तार से समझते हैं।

 

अभी कैसे क्लियर होता है आपका चेक? (मौजूदा व्यवस्था)

इस नए नियम के महत्व को समझने के लिए, पहले यह जानना जरूरी है कि अभी चेक क्लीयरेंस की प्रक्रिया क्या है। वर्तमान में भारत में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (Cheque Truncation System - CTS) लागू है।

  • क्या है CTS?: इस सिस्टम के तहत, जब आप किसी बैंक में चेक जमा करते हैं, तो बैंक उस फिजिकल चेक को दूसरे बैंक में भेजने के बजाय उसकी एक इलेक्ट्रॉनिक इमेज (स्कैन कॉपी) खींचकर क्लीयरेंस के लिए भेजता है। इससे समय की बचत होती है।
  • लगने वाला समय: CTS के बावजूद, इस पूरी प्रक्रिया में T+1 या T+2 दिन लग जाते हैं। यानी जिस दिन आप चेक जमा करते हैं (T-day), उसके एक या दो कामकाजी दिन बाद पैसा आपके खाते में क्रेडिट होता है। इस बीच, चेक कई प्रक्रियाओं से गुजरता है, जिसमें फंड्स की जांच और ट्रांसफर शामिल है।

 

4 अक्टूबर से क्या बदलने जा रहा है? (RBI का नया गेम-चेंजर नियम)

RBI ने CTS प्रणाली को और उन्नत करने का फैसला किया है। 4 अक्टूबर, 2025 से लागू होने वाले नए नियम के अनुसार, क्लीयरेंस के लिए प्रस्तुत किए गए चेक का सेटलमेंट उसी दिन हो जाएगा।

इसका सीधा मतलब है:

  • सेम-डे क्लीयरेंस: अगर आपका चेक क्लीयरिंग के लिए सुबह के सेशन में बैंक में प्रस्तुत हो जाता है, तो पूरी संभावना है कि उसी दिन शाम तक या बैंकिंग कार्य समय के अंत तक पैसा आपके अकाउंट में आ जाएगा।
  • इंतजार खत्म: अब 24 से 48 घंटे का लंबा इंतजार अतीत की बात हो जाएगा, जिससे चेक पेमेंट सिस्टम की दक्षता लगभग RTGS और NEFT के बराबर हो जाएगी।

यह नियम शुरुआत में उच्च-मूल्य वाले चेकों (High-value cheques) के लिए लागू किया जा सकता है और धीरे-धीरे इसे सभी चेकों के लिए अनिवार्य कर दिया जाएगा।

इस बदलाव के आपके लिए क्या फायदे हैं?

  1. जल्द मिलेगा फंड: यह सबसे बड़ा फायदा है। अब आपको अपने पैसे के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिससे आपकी लिक्विडिटी बढ़ेगी।
  2. कारोबारियों के लिए वरदान: बिजनेस में कैश फ्लो का बहुत महत्व होता है। सेम-डे क्लीयरेंस से व्यापारियों और उद्यमियों का पैसा बाजार में अटकेगा नहीं, जिससे वे अपना कारोबार और बेहतर ढंग से चला पाएंगे।
  3. वित्तीय अनिश्चितता कम होगी: अब आपको यह चिंता नहीं रहेगी कि चेक क्लियर होगा या नहीं, और अगर होगा तो कब होगा। आपको उसी दिन अपने फंड्स की स्थिति का पता चल जाएगा।

 

चेक जारी करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी!

जहां यह नया नियम पैसा पाने वालों के लिए एक बड़ी राहत है, वहीं चेक जारी करने वालों (Drawer) को अब पहले से कहीं ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है।

  • नहीं मिलेगा 'ग्रेस पीरियड': पुरानी व्यवस्था में, चेक जारी करने वाले को पता होता था कि पैसा कटने में 1-2 दिन लगेंगे, जिससे उन्हें अपने खाते में फंड की व्यवस्था करने का अतिरिक्त समय मिल जाता था।
  • उसी दिन रखना होगा बैलेंस: अब नए नियम के तहत, जिस दिन चेक क्लीयरेंस के लिए लगेगा, उसी दिन आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस होना अनिवार्य है। अगर बैलेंस नहीं हुआ, तो चेक तुरंत बाउंस हो जाएगा।
  • चेक बाउंस के परिणाम: चेक बाउंस होने के कानूनी परिणाम पहले की तरह ही गंभीर होंगे, जिसमें जुर्माना और कानूनी कार्रवाई शामिल है। लेकिन अब इसकी प्रक्रिया और तेज हो जाएगी।

संक्षेप में, RBI का यह कदम भारतीय बैंकिंग प्रणाली को और अधिक आधुनिक, तेज और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है। यह चेक की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा और इसे डिजिटल पेमेंट के युग में और भी प्रासंगिक बनाएगा। बस याद रखें, अब चेक भी UPI जितनी तेज रफ्तार पकड़ने जा रहा है!

--Advertisement--

--Advertisement--