Chanting Krishna Names : सिर्फ नाम नहीं, ये हैं 1000 महामंत्र जानिए क्यों खास है कृष्ण सहस्रनामावली का पाठ
News India Live, Digital Desk : क्या आपको भी कभी-कभी ऐसा लगता है कि दिमाग में बहुत शोर है? काम का टेंशन, भविष्य की चिंता, या रिश्तों की उलझनें... हम सभी दिन भर किसी न किसी तनाव (Stress) से गुजरते हैं। हम सुकून ढूंढने के लिए न जाने क्या-क्या करते हैं, कभी वेब सीरीज देखते हैं तो कभी घूमने जाते हैं। लेकिन जो असली शांति है, वो बाहर नहीं, हमारे भीतर ही है। और उस शांति तक पहुंचने का सबसे आसान रास्ता है प्रभु का नाम।
आज हम बात कर रहे हैं 'श्री कृष्ण सहस्रनामावली' (Shri Krishna Sahasranamavali) की। आसान शब्दों में कहें तो भगवान कृष्ण के 1000 नाम। लेकिन ये सिर्फ नामों की लिस्ट नहीं है, यह एक 'वाइब्रेशन' (Vibration) है जो आपकी रूह को छू लेती है।
नाम में क्या रखा है? सब कुछ!
आपने सुना होगा कि भगवान तो 'भाव' के भूखे होते हैं। लेकिन शब्दों की अपनी एक ताकत होती है। जब हम 'गोविंद', 'मधुसूदन', 'केशव' या 'वासुदेव' जैसे नामों का उच्चारण करते हैं, तो हमारे आस-पास का वातावरण अपने आप बदलने लगता है।
सोचिए, श्री कृष्ण का हर एक नाम उनके किसी न किसी गुण या लीला को दर्शाता है।
- जब आप कहते हैं 'मुरलीधर', तो मन में वो प्यारी सी छवि उभरती है।
- जब आप कहते हैं 'गिरिधर', तो महसूस होता है कि कोई है जो आपकी परेशानियों का पहाड़ उठाने के लिए तैयार है।
- जब कहते हैं 'मुकुंद', तो मोक्ष और मुक्ति का अहसास होता है।
इसे पढ़ने या सुनने के फायदे
- मानसिक शांति: अगर आपको नींद न आने की समस्या है या मन घबराता है, तो रोज सुबह या रात को सोने से पहले कृष्ण सहस्रनामावली का पाठ सुनें। यह किसी थेरेपी से कम नहीं है।
- पॉजिटिविटी का संचार: जिस घर में इन 1000 नामों का जाप होता है, वहां निगेटिव एनर्जी (Negative Energy) टिक ही नहीं सकती। यह घर के क्लेश और झगड़ों को खत्म करने में मदद करता है।
- एकाग्रता (Focus): अगर बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता, तो उन्हें दिन में एक बार इसे सुनने की आदत डालें। यह दिमाग को शांत और स्थिर करता है।
जरूरी नहीं कि संस्कृत आती हो
बहुत से लोग यह सोचकर डर जाते हैं कि "हमें तो संस्कृत पढ़नी नहीं आती, कहीं हमसे गलती न हो जाए।" दोस्तों, भगवान कृष्ण 'जगद्गुरु' हैं, वो आपकी व्याकरण (Grammar) नहीं, आपका 'प्रेम' देखते हैं।
अगर आप खुद नहीं पढ़ सकते, तो मोबाइल पर ऑडियो चलाकर सिर्फ़ आँखों को मूंदकर उसे सुनें (Listen)। यकीन मानिए, सिर्फ सुनने मात्र से भी वही पुण्य और शांति मिलती है। जैसे माँ बच्चे की तोतली जुबान समझ जाती है, वैसे ही ठाकुर जी आपकी भावनाओं को समझ जाते हैं।
तो कल से एक नई आदत शुरू करें? सुबह की चाय के साथ या ऑफिस जाते समय कानों में ये मधुर नाम घोल लें। आपकी दुनिया बदल जाएगी।
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