आचार्य चाणक्य की नीति में व्यक्त किए गए उपदेशों का पालन करते हुए, व्यक्ति को विवेकपूर्ण रूप से कन्या का चयन करना चाहिए। चाणक्य नीति में बताया गया है कि उसे अच्छी तरह से सोच-समझकर, सावधानी से, और साहस से इस महत्वपूर्ण निर्णय को लेना चाहिए। व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति या स्थिति पर अंधा विश्वास न करके, बुद्धिमानी से अपनी जीवन संगिनी का चयन करना चाहिए। संबंधित नीति श्लोक:
“नखीनां च नदीनां च श्रृंगीणां शस्त्रपाणिणाम्। विश्वासो नैव कर्तव्यः स्त्रीषु राजकुलेषु च।।”
इस श्लोक में चाणक्य ने व्यक्ति को सीधे शब्दों में समझाया है कि उसे नाखुनों वाले, जंगी जानवरों और शस्त्र प्रयोग करने वाले व्यक्तियों पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए, जैसे कि वह स्त्रीयों और राजकुल से संबंधित हों। यह उसे सतर्क और सजग रहने के लिए प्रेरित करता है, ताकि उसकी जिंदगी में सुख, शांति, और समृद्धि हमेशा बनी रहे।