Chanakya Niti : रजाई में बैठकर सपने देखने वालों के लिए बुरी खबर, इन आदतों वाले लोग जिंदगी भर घिसते ही रह जाते हैं

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News India Live, Digital Desk: दोस्तों, हम सब जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। कोई अमीर बनना चाहता है, तो कोई नाम कमाना चाहता है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि कुछ ही लोग 'राजा' वाली जिंदगी क्यों जी पाते हैं और बाकी लोग सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनकर क्यों रह जाते हैं?

सदियों पहले, भारत के सबसे बड़े रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने इसका जवाब बहुत ही साफ़ शब्दों में दिया था। उनका मानना था कि दुनिया में हुनरमंद लोगों की कमी नहीं है, लेकिन कमी है 'जिगर' वालों की। चाणक्य नीति कहती है कि जो इंसान कुछ खास चीजों से 'डरता' है, सफलता उससे हमेशा चार कदम दूर भागती है।

आइए जानते हैं, वो कौन से डर हैं जो आपको सफल नहीं होने दे रहे।

1. मेहनत का डर (Fear of Hard Work)
चाणक्य कहते हैं कि आलस इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। बहुत से लोग सपने तो महलों के देखते हैं, लेकिन पसीना बहाने के नाम से ही कांपने लगते हैं। याद रखिए, सफलता की गाड़ी 'मेहनत' के पेट्रोल से ही चलती है। जो व्यक्ति मेहनत करने से जी चुराता है या सोचता है कि शॉर्टकट से काम चल जाएगा, उसके हाथ अंत में सिर्फ खाली कटोरा ही लगता है।

2. "लोग क्या कहेंगे?" (Social Anxiety)
आधे से ज्यादा दुनिया के सपने सिर्फ इसलिए मर जाते हैं क्योंकि लोग सोचते हैं—"अगर मैं फेल हो गया तो समाज क्या कहेगा?" आचार्य चाणक्य के अनुसार, समाज की आलोचना से डरने वाला इंसान कभी इतिहास नहीं रच सकता। अगर आप अपनी निंदा से डरकर फैसले बदलते हैं, तो आप लीडर नहीं, फॉलोअर हैं। याद रखिए, शेर कभी कुत्तों के भौंकने से अपना रास्ता नहीं बदलता।

3. असफलता का डर (Fear of Failure)
क्या आपने कभी छोटे बच्चे को देखा है? वह चलने की कोशिश करता है, सौ बार गिरता है, लेकिन डरता नहीं। पर बड़े होते ही हम गिरने से डरने लगते हैं। चाणक्य का कहना है कि जो 'रिस्क' (जोखिम) लेने से डरता है, वह कभी बड़ा लाभ नहीं कमा सकता। व्यापार हो या जीवन, जोखिम वही उठाता है जिसे खुद पर भरोसा हो। डर के मारे कोशिश न करना, हार जाने से भी बुरा है।

निर्णय आपका है
चाणक्य नीति कोई पोथी-पुराण नहीं, बल्कि जीने का 'मैनुअल' है। अगर आपको लगता है कि आप इन डरों को अपने कंधे पर लादे हुए हैं, तो आज ही उन्हें उतार फेंकिए। क्योंकि डरे हुए इंसान के पास न तो सम्मान टिकता है और न ही संपत्ति।

उठिए, हिम्मत कीजिए और अपने डर को हराइए!

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