पाकिस्तान क्रिकेट इस समय गंभीर संकट से गुजर रहा है। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में मेजबान के रूप में पाकिस्तान का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। राष्ट्रीय टीम की हार के बाद अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के लिए टीम के लिए स्पॉन्सर ढूंढना भी मुश्किल हो सकता है।
23 फरवरी को भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से हराया, जिससे मेजबान टीम टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर पहुंच गई थी। अगले ही दिन न्यूजीलैंड ने जीत दर्ज कर पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों को आधिकारिक रूप से टूर्नामेंट से बाहर कर दिया।
गद्दाफी स्टेडियम में दिखी भीड़, लेकिन पाकिस्तान की हार से फैंस का जोश ठंडा
भारत से हारने के ठीक एक दिन पहले, गद्दाफी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के मैच के दौरान बड़ी संख्या में दर्शकों की मौजूदगी से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी उत्साहित थे।
PCB के एक अधिकारी ने कहा—
“लोगों की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान के अलावा अन्य टीमों के मैच का आनंद लेते देखना उत्साहवर्धक था। लेकिन अब असली चुनौती यह है कि क्या पाकिस्तान के बचे हुए मैचों के लिए स्टेडियम में दर्शकों की भीड़ आएगी? हम 29 साल बाद इतने बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहे हैं, और हमें इसे सफल बनाना है।”
29 साल बाद बड़ी मेजबानी, लेकिन टीम ने किया निराश
1996 के वनडे वर्ल्ड कप के बाद यह पहला आईसीसी टूर्नामेंट है, जिसकी मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है। इसलिए उम्मीद थी कि घरेलू टीम शानदार प्रदर्शन करेगी। लेकिन पाकिस्तान के शुरुआती दो मैच हारने के बाद यह साफ हो गया था कि टीम सेमीफाइनल में जगह नहीं बना पाएगी।
अब न्यूजीलैंड और भारत ने ग्रुप A से सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है, जिससे पाकिस्तान की उम्मीदें पूरी तरह खत्म हो गईं।
PCB को बड़ा आर्थिक झटका नहीं, लेकिन ब्रांड वैल्यू पर असर
PCB के वाणिज्यिक विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक,
“अगर पाकिस्तान सेमीफाइनल में नहीं भी पहुंचता, तो भी PCB को वित्तीय रूप से कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। हमें मेजबानी शुल्क, टिकट बिक्री और ICC राजस्व का हिस्सा मिलना तय है।”
हालांकि, कुछ बड़े नुकसान जरूर हो सकते हैं:
- स्टेडियम में आधी भरी सीटें दिखने से टूर्नामेंट की चमक फीकी पड़ सकती है।
- प्रसारणकर्ताओं को कम दर्शक मिल सकते हैं।
- स्पॉन्सरशिप और ब्रांड वैल्यू पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
“भविष्य में पाकिस्तान क्रिकेट को बेचना आसान नहीं होगा”
सबसे बड़ी चिंता यह है कि भले ही पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर देश में जुनून हो, लेकिन स्पॉन्सर और ब्रांडिंग को लेकर आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
PCB के सूत्र ने कहा—
“क्रिकेट के प्रति जबरदस्त दीवानगी के बावजूद, पाकिस्तान क्रिकेट को एक ब्रांड के रूप में बेचना अब और कठिन होगा।”
क्या पाकिस्तान क्रिकेट इस झटके से उबर पाएगा?
पाकिस्तान क्रिकेट को अब अपनी ब्रांड वैल्यू बचाने के लिए टीम के प्रदर्शन में सुधार करना होगा। सिर्फ घरेलू मैदान पर बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी करना काफी नहीं, टीम को भी अच्छा खेल दिखाना होगा ताकि दर्शकों की रुचि बनी रहे और स्पॉन्सरशिप आकर्षित हो सके।
अब देखना होगा कि PCB इस चुनौती से कैसे निपटता है और पाकिस्तान क्रिकेट को फिर से मजबूती से खड़ा करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।