बार कौंसिल सदस्यों का कार्यकाल बढाने को चुनौती, हाईकोर्ट ने बीसीआई व बीसीआर से मांगा जवाब

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जयपुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्यों का कार्यकाल बढाने और इस संबंध में बार कौंसिल ऑफ इंडिया की ओर से नियम 32 में किए गए संशोधन के खिलाफ दायर याचिका पर बीसीआई और बीसीआर से जवाब तलब किया है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश श्याम बिहारी व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता सुनील समदडिया ने अदालत को बताया कि बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के 25 सदस्य के लिए 28 मार्च 2018 को चुनाव हुए और 17 जुलाई, 2018 को परिणाम घोषित किया गया। अधिवक्ता अधिनियम की धारा 8 के तहत बार कौंसिल सदस्यों का कार्यकाल 5 साल का था। इन सदस्यों का कार्यकाल 16 जुलाई 2023 को खत्म हो गया। वहीं बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के निवेदन पर बीसीआई ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए कोविड के आधार पर कार्यकाल छह माह के लिए बढा दिया। यह बढी हुई अवधि भी 16 जनवरी 2024 को खत्म हो गई है। इस दौरान ही बीसीआई ने 23 जून 2023 को अपने प्रैक्टिस वेरिफिकेशन रूल्स के नियम 32 में संशोधन कर प्रावधान किया कि यदि वकीलों का सत्यापन करने या मतदाता सूची बनाने में देरी होती है तो 18 माह में सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर अगले छह माह में नए चुना कराए जाएंगे और इस दौरान कौंसिल सदस्य पद पर बने रहेेेंगे। इस प्रावधान को चुनौती देते हुए कहा गया कि धारा 32 में किए गए संशोधन अधिवक्ता अधिनियम की धारा 8 और 8ए के विपरीत है। क्योंकि धारा 8 स्पष्ट करती है कि सदस्यों का अधिकतम कार्यकाल पांच साल व इसके बाद 6 महीने से ज्यादा नहीं हो सकता। वहीं इस दौरान चुनाव नहीं होने पर धारा 8ए के तहत कमेटी गठन कर चुनाव कराने का प्रावधान किया गया है। दूसरी ओर नियमों में संशोधन कर इस अवधि को दो साल या उससे अधिक बढाने का प्रावधान किया गया है। याचिका में गुहार की गई है कि धारा 32 में किए गए संशोधन को अवैध घोषित कर रद्द किए जाए। वहीं कमेटी गठित कर कौंसिल के चुनाव कराए जाए और 16 जनवरी, 2024 के बाद कौंसिल की ओर से लिए गए निर्णयों को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने बीसीआई और बीसीआर से जवाब तलब किया है।