चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि पर मां को लगाएं ये भोग, मां होंगी प्रसन्न

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चैत्र नवरात्रि का हर दिन बेहद खास होता है, क्योंकि हर दिन मां के दिव्य स्वरूप की पूजा की जाती है। वैसे तो नवरात्रि के 9 दिनों में आप सच्चे मन से माता को जो भी प्रसाद चढ़ाते हैं, वह उसे स्वीकार कर लेती हैं, लेकिन माता की 9 शक्तियों को ये 9 प्रसाद बेहद पसंद होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जगत जननी को यह भोग अर्पित करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।

 

चैत्र नवरात्रि के 9 दिन भोग

पहला दिन (30 मार्च 2025) – नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा में गाय का घी अर्पित करना चाहिए। इससे व्यक्ति को रोगमुक्त होने का वरदान मिलता है।

दूसरा दिन (31 मार्च 2025) – चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। इस दिन देवी मां को चीनी का भोग लगाएं। इससे लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है। इस वर्ष तिथियों के क्षय के कारण दूसरी या तीसरी तिथि एक ही दिन पड़ रही है।

तीसरा दिन: चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। इस दिन दूध या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। इससे प्रसिद्धि और सम्मान मिलता है। आर्थिक लाभ होने की संभावना है।

चौथा दिन (1 अप्रैल 2025) – नवरात्रि की चतुर्थी के दिन देवी कुष्मांडा की पूजा में मालपुए का भोग लगाएं। फिर ब्राह्मण को दान दें। ऐसा माना जाता है कि इससे बौद्धिक विकास होता है। निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।

पांचवा दिन (2 अप्रैल 2025) – नवरात्रि का पांचवा दिन देवी स्कंदमाता को समर्पित है। इस दिन अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ देवी दुर्गा को केला अर्पित करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।

छठा दिन (3 अप्रैल 2025) – नवरात्रि के छठे दिन देवी दुर्गा की छठी शक्ति की पूजा की जाती है और इस दिन देवी को शहद का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि खुशी के साथ सुंदरता पाने का वरदान भी मिलता है।

सातवां दिन (4 अप्रैल 2025) – नवरात्रि की महासप्तमी के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस दिन देवी कालरात्रि को गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से रोग-शोक से मुक्ति मिलती है और परिवार भी स्वस्थ रहता है।

आठवां दिन (5 अप्रैल 2025) – नवरात्रि की महाष्टमी पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन विशेष रूप से नारियल चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे सांसारिक सुख प्राप्त होता है।

नवमी (6 अप्रैल 2025) – नवरात्रि के अंतिम दिन महानवमी पर देवी सिद्धिदात्री की पूजा में हलवा, पूरी और चने की शाक का भोग लगाया जाता है। सुख, समृद्धि और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए इस दिन हवन और कन्या पूजन भी करना चाहिए।