Chaitra Navratri 2025: छत्तीसगढ़ में नवरात्रि की भक्ति में डूबे मंदिर, मां दुर्गा के दर पर उमड़ा आस्था का सैलाब

Chaitra Navratri 2025: छत्तीसगढ़ में नवरात्रि की भक्ति में डूबे मंदिर, मां दुर्गा के दर पर उमड़ा आस्था का सैलाब
Chaitra Navratri 2025: छत्तीसगढ़ में नवरात्रि की भक्ति में डूबे मंदिर, मां दुर्गा के दर पर उमड़ा आस्था का सैलाब

रायपुर, 30 मार्च 2025 – शक्ति उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो गया है और पूरे देश की तरह छत्तीसगढ़ भी भक्ति और आस्था के रंग में रंग चुका है। खास बात ये है कि इस साल एक तिथि का क्षय होने से यह पर्व 9 के बजाय 8 दिनों तक मनाया जाएगा। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधिवत की जाती है और माना जाता है कि व्रत और उपासना करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

छत्तीसगढ़ के प्रमुख देवी मंदिरों में आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। हर तरफ भक्तिमय वातावरण, घंटे-घड़ियाल की ध्वनि, और माता के जयकारों से माहौल गूंज उठा है। आइए जानते हैं राज्य के प्रसिद्ध मंदिरों में कैसे मन रही है चैत्र नवरात्रि।

मां बम्लेश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़ – श्रद्धा का प्रमुख तीर्थ

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर एक ऐतिहासिक तीर्थ स्थल है। पहाड़ी की चोटी पर बना यह मंदिर नवरात्रि में विशेष आकर्षण का केंद्र बन जाता है। यहां सुबह से ही भक्त मां के दर्शन को पहुंच रहे हैं। मंदिर में नौ दिनों तक ज्योति कलश जलाए जाते हैं और मेले जैसा माहौल बन जाता है। मान्यता है कि मां बम्लेश्वरी हर उस श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण करती हैं जो सच्चे मन से यहां आता है। विदेशों से भी श्रद्धालु मनौती पूर्ण होने पर मां के दरबार में दर्शन के लिए आते हैं।

मां दंतेश्वरी मंदिर, दंतेवाड़ा – शक्तिपीठ का गौरव

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित मां दंतेश्वरी का मंदिर देश के 52 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। चालुक्य वंश के राजाओं द्वारा निर्मित यह मंदिर हिंदू आस्था का प्रतीक है। कहा जाता है कि सतयुग में जब देवी सती का दांत इस स्थान पर गिरा था, तब यह स्थान शक्तिपीठ बना। नवरात्रि के अवसर पर यहां मनोकामना दीपक जलाने की परंपरा है और मान्यता है कि मां स्वयं हर भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं। दंतेश्वरी देवी बस्तर की कुलदेवी भी हैं।

महामाया मंदिर, रतनपुर – चमत्कारी धाम

बिलासपुर जिले के रतनपुर में स्थित महामाया मंदिर भी शक्ति की उपासना का एक प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर भी 52 शक्तिपीठों में शामिल है। अद्भुत वास्तुकला और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर यह स्थल भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। नवरात्रि के दौरान यहां श्रद्धालु विशेष पूजा और हवन करते हैं। लोगों का मानना है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।

गंगा मैया मंदिर, झलमला (भिलाई) – श्रद्धा की सरल अभिव्यक्ति

भिलाई के पास झलमला में स्थित गंगा मैया मंदिर अपनी सादगी और आस्था के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि एक मछुआरे ने इस मंदिर की स्थापना की थी और तब से यह स्थान श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है। नवरात्रि के दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। आस-पास के जिलों से ही नहीं बल्कि दूर-दूर से लोग गंगा मैया के दर्शन के लिए यहां आते हैं।

रायपुर के प्रमुख देवी मंदिरों में भी भक्तों का तांता

राजधानी रायपुर में भी नवरात्र के पहले दिन से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। महामाया मंदिर, रावाभांठा स्थित बंजारी मंदिर, और आकाशवाणी चौक के काली माता मंदिर में श्रद्धालु मां के दर्शन को उमड़ रहे हैं। फूलों से सजे मंदिर, ढोल-नगाड़े और भक्ति संगीत के बीच भक्तों की आंखों में माता के प्रति गहरी श्रद्धा देखने को मिल रही है।