हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह वर्ष का पहला महीना होता है। हिंदू नववर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। इसलिए इस माह को बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इसी माह में सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इस माह का विशेष महत्व है। नवरात्रि, राम नवमी और हनुमान जयंती जैसे प्रमुख त्योहार चैत्र माह में आते हैं। इसके अलावा पापमोचिनी एकादशी, प्रदोष व्रत और चैत्र पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी इसी महीने में आते हैं। आइए जानते हैं चैत्र माह में पड़ने वाले सभी प्रमुख व्रत और त्योहारों के बारे में।
चैत्र माह 2025 के प्रमुख व्रत एवं त्यौहार
चैत्र माह में कई बड़े त्यौहार और व्रत आते हैं, जिनमें भक्त उपवास रखते हैं और भगवान की पूजा करते हैं। इस वर्ष भ्रातृ द्वितीया 16 मार्च, भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च, रंगपंचमी 19 मार्च, शीतला सप्तमी 21 मार्च, शीतला अष्टमी व कालाष्टमी 22 मार्च, पापमोचिनी एकादशी, प्रदोष व्रत 25 मार्च तथा अमावस्या 2 मार्च को मनाई जाएगी। गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि व हिंदू नववर्ष 30 मार्च से प्रारंभ होगा। राम नवमी 6 अप्रैल को, कामदा एकादशी 8 अप्रैल को तथा चैत्र पूर्णिमा और हनुमान जयंती 12 अप्रैल को मनाई जाएगी।
30 मार्च को होगा हिन्दू नववर्ष, सूर्य राजा
इस वर्ष हिन्दू नववर्ष 30 मार्च से प्रारंभ हो रहा है। इस दिन को विशेष रूप से गुड़ी पड़वा और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से नवरात्रि शुरू होगी, जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। ज्योतिष के अनुसार, इस बार नया साल रविवार से शुरू हो रहा है, इसलिए सूर्य इस साल का राजा होगा। चूंकि सूर्य राजा है, इसलिए इसका राजनीति, कृषि और व्यापार पर प्रभाव पड़ेगा। यह वर्ष राजनीतिक उथल-पुथल से भरा हो सकता है और किसानों के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं। हालांकि सरकारी क्षेत्र और उद्योगपतियों के लिए यह वर्ष लाभकारी रहेगा।