कैथल, 8 अप्रैल (हि.स. )। सोमवती अमावस पर स्नान के बाद से कैथल के माता गेट के ऐतिहासिक डेरा बाबा परमहंस पुरी सूर्यकुंड काली माता मंदिर में मेला शुरू हो गया है। दो दिनों तक चलने वाले मेले में चैत्र मास की अमावस्या व पहले नवरात्र पर न केवल हरियाणा से बल्कि पंजाब, राजस्थान सहित अन्य प्रांतों से बाजीगर समाज के लोग पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। मेले को लेकर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। सिटी थाना क्षेत्र में आने वाले इस मेले को लेकर पुलिस प्रशासन की तरफ से पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
महंत डेरे के महंत रमन पुरी महाराज ने बताया कि मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेले के चारों तरफ सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहेंगे। भक्तों के लिए 40 जगहों पर भंडारे की व्यवस्था रहेगी। इसके साथ-साथ सुरक्षा के भी उचित प्रबंध पुलिस प्रशासन के सहयोग से रहेगा। मेले को लेकर सेवादारों की भी अलग-अलग ड्यूटी लगाई गई है। प्रसाद सहित खिलौनों की दुकानें भी मेले के चारों तरफ खोली गई हैं, जिससे भक्तों को किसी भी तरह की परेशानी न आए।
महंत रमन पुरी ने बताया कि बाजीगर समाज के लोग माता काली को अपनी कुलदेवी मानते हैं, जिस कारण यहां साल में एक बार ये लोग पूजा अर्चना के लिए जरूर आते हैं। इसके अलावा नव विवाहित जोड़े यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं। मान्यता के अनुसार, महाभारत काल में ज्येष्ठ पांडव पुत्र युधिष्ठिर ने कैथल में ही नवग्रह कुंडों की स्थापना की थी। इनमें से सबसे बड़ा कुंड सूर्यकुंड के नाम से स्थापित किया गया था। शीतला व काली माता मंदिर इस डेरे में स्थित है। वहीं पर बाजीगर समाज की कुलदेवी मां काली का मंदिर है। ऐसे में बाजीगर समाज के लोग यहां पर माथा टेकने बाद ही अपने दांपत्य जीवन की शुरूआत करते हैं।