फतेहाबाद, 2 नवंबर (हि.स.)। पराली प्रबंधन को लेकर शनिवार को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली की टीम ने फतेहाबाद जिले का दौरा किया। रतिया के गांव हसंगा के खेतों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली से आई टीम ने किसानों द्वारा किए जा रहे पराली प्रबंधन का निरीक्षण किया और किसानों से बातचीत की। निरीक्षण करने पहुंचे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. गोकुल कुमार व कृषि अभियांत्रिकी विभाग फतेहाबाद के एडीओ डॉ. दीपक कुमार ने किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी और किसानों से पराली जलाने की बजाय इसका प्रबंधन करने का आग्रह किया।
वैज्ञानिकों ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान अपने खेतों में पराली प्रबंधन दो तरीके से कर सकते हैं। एक बेलर मशीन से गांठें बना कर व दूसरा सुपर सीडर से धान के अवशेषों को जमीन में मिलाकर। उन्होंने कहा कि धान के अवशेषों को जमीन में मिलाने से जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ा कर फसल उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इस मौके पर उनके साथ किसान सुरजभान सिहाग, राजेन्द्र सिंह, रोहतास, सुनील कुमार सहित गांव के अन्य किसान मौजूद रहे।