नई दिल्ली, 10 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए सभी आधारशिलाएं मौजूद हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां होटल ताज महल में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। पीयूष गोयल ने उद्योग जगत से ‘विकसित भारत’ को प्राप्त करने के लिए अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और स्थिरता में सहयोग करने का आग्रह किया।
गोयल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि सरकार अपने पहले दो कार्यकालों के परिणामों को हासिल करने और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए तीन गुना अधिक गति, तीन गुना अधिक कार्य और तीन गुना अधिक प्रयास लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ते स्टार्ट-अप इंडिया पहल, बढ़ते बुनियादी ढांचे के निवेश, विनिर्माण में निवेश से व्यापार, व्यवसाय, नौकरियों और निर्यात के लिए बहुत सारे अवसर पैदा हो रहे हैं। हम अगले 3-4 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।
फिक्की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए गोयल ने आगे कहा कि भारत जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है। वह उद्योग जगत की इच्छाओं से गहराई से मेल खाता है। भारत में बहुत सी अप्रयुक्त क्षमताएं हैं, क्योंकि हम भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बना रहे हैं। गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार उद्योग के साथ मिलकर 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसे प्राप्त किया जा सकता है, बशर्ते इसके लिए सही आधार तैयार किए जाएं और साथ ही मजबूत मैक्रो अर्थव्यवस्था का भी समर्थन किया जाए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सर्वोच्च रूसी नागरिक पुरस्कार मिलना भारत की अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कुशलता से संचालित करने की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने उद्योग जगत से भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 100 अरब डॉलर तक ले जाने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने को कहा। गोयल ने कहा कि भारत-ईएफटीए समझौते के तहत 100 अरब अमेरिकी डॉलर के एफडीआई लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए वे स्विट्जरलैंड का दौरा करेंगे। गोयल ने कहा कि चार सदस्यीय यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) भारत में निवेश को लेकर उत्सुक है। घरेलू उद्योग को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।