लखनऊ में आउटर रिंग रोड के निर्माण में गड़बड़ी, सीबीआई ने आरम्भ की जांच   

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लखनऊ, 30 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सीमा पर चारों ओर बने आउटर रिंग रोड के निर्माण में गड़बड़ी की पुष्टी हुई। इसके बाद दो कम्पनियों के विरूद्ध एफआईआर हुई। अब इसी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच आरम्भ कर दिया है। सीबीआई की जांच कर रही टीम के सदस्यों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के कार्यालय से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किया है।

लखनऊ में कुछ समय पूर्व में आउटर रिंग रोड का टेंडर हुआ था। जिसे गुजरात राज्य के नौरंगपुर स्थित मेसर्स सद्‌भाव इंजिनियरिंग लिमिटेड कम्पनी ने पाया था। सद्‌भाव इंजिनियरिंग लिमिटेड ने निश्चित अवधि तक कार्य को पूरा नहीं किया। 14 सितम्बर 2022 को एनएचएआई ने एग्रीमेंट समाप्त कर दिया।

एनएचएआई के यूनिट की ओर से आउटर रिंग रोड के निर्माण कार्य को गुड़गांव के गावर कंस्ट्रक्शन कम्पनी को कार्य दे दिया गया। दोनों कम्पनियों ने आउटर रिंग रोड का कार्य किया। फिर भी आउटर रिंग रोड के कार्य में गड़बड़ी सामने आयी। एक वर्ष के भीतर ही आउटर रिंग रोड पर गड्ढ़े होने लगे और तारकोल उखड़ना सामने आया।

उक्त मामले में दोनों कम्पनियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज हुई। जिसकी जांच सीबीआई को दे दी गयी है। सीबीआई की आठ सदस्यीय टीम ने जांच आरम्भ किया तो विभूतिखंड स्थित एनएचएआई कार्यालय से मामले से जुडी फाइलें उठा ले गयी। फाइलों की जांच के बाद ही सीबीआई तथ्यों के आधार पर एनएचएआई, दोनों कम्पनियों के लोगों, स्थानीय ठेकेदारों से पूछताछ करेगी। तभी तक दोनों कम्पनियों के प्रमुख लोगों को देश के बाहर जाने पर रोक लगाते हुए उनके पासपोर्ट को जब्त करा लिया गया है।