नई दिल्ली, 30 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में अंतिम चार्जशीट दाखिल करने में देरी करने पर सीबीआई को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि को इस मामले के जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वे केस डायरी लेकर कोर्ट में उपस्थित हों। स्पेशल जज विशाल गोगने ने मामले की अगली सुनवाई 09 मई को करने का आदेश दिया।
आज सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कहा कि अंतिम चार्जशीट करीब-करीब पूरी हो चुकी है लेकिन कुछ कानूनी सवालों पर सीबीआई के अधिकारी आंतरिक चर्चा कर रहे हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि तीन महीने से अंतिम चार्जशीट के लिए समय ले रही है। अंतिम चार्जशीट दाखिल नहीं होने की वजह से ट्रायल शुरू नहीं हो रहा है। कोर्ट में कार्यवाही ठप पड़ी हुई है। कई आरोपितों की विभिन्न अर्जियां लंबित हैं। उसके बाद कोर्ट ने इस मामले के जांच अधिकारी बिकास चंद्र चौरसिया और सीबीआई के एसपी निपुण गुप्ता को केस डायरी के साथ अगली तिथि को पेश होने का आदेश दिया।
आज इस मामले के आरोपितों लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पेश नहीं हुए। उन्होंने आज कोर्ट में पेशी से छूट की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। बतादें कि सीबीआई ने 06 मार्च को इस मामले में तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। सीबीआई ने पूरक चार्जशीट में भोला यादव को नौकरी पाने वाले दो अभ्यर्थियों अशोक कुमार और बबीता को आरोपित बनाया है। सीबीआई के पूरक चार्जशीट में कहा गया है कि भोला यादव लालू यादव के सचिव रह चुके हैं और वही सभी काम देखते थे। भोला यादव ही अफसरों को निर्देश देते थे। सीबीआई ने इस संबंध में भोला यादव के कंप्यूटर से दस्तावेज हासिल किए हैं। 27 फरवरी को सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि वो इस मामले में दस दिनों के अंदर पूरक चार्जशीट दाखिल करेगी। सीबीआई ने इस मामले में भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था। भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे।
लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था। नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था। भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे।
कोर्ट ने 04 अक्टूबर 2023 को इस मामले में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी थी। कोर्ट ने 22 सितंबर 2023 को सीबीआई की ओर से दाखिल दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 3 जुलाई 2023 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट में बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आरोपित बनाया गया है। सीबीआई इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। 15 मार्च 2023 को कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को जमानत दी थी। कोर्ट ने पचास पचास हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी जाती। कोर्ट ने 27 फरवरी 2023 को इन तीनों आरोपितों समेत सभी आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 07 अक्टूबर 2022 को सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 आरोपितों के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल की थी।
बतादें कि सीबीआई ने मई 2023 में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।