Mahua Moitra Cash For Query मामला: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. आज सीबीआई ने महुआ के आवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की है. टीएमसी नेता के खिलाफ ये कार्रवाई कैश फॉर क्वेरी मामले में की गई है.
इस मामले में सीबीआई टीएमसी नेता के कोलकाता स्थित आवास और अन्य ठिकानों की तलाशी ले रही है. सीबीआई ने हाल ही में कैश-फॉर-क्वेरी मामले में एफआईआर दर्ज की थी। लोकपाल के आदेश पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. दिल्ली से सीबीआई की एक टीम महुआ के पिता के दक्षिण कोलकाता के अलीपुर इलाके स्थित फ्लैट पर पहुंची है. लोकपाल ने ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश सीबीआई को दिया. लोकपाल ने सीबीआई को महुआ मोइत्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही लोकपाल ने जांच एजेंसी को छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
कैश फॉर क्वेरी केस क्या है?
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा. जांच के बाद एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी. पूरा मामला बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों से शुरू हुआ. निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर रियल एस्टेट कारोबारी हीरानंदानी से संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. निशिकांत दुबे ने ये आरोप महुआ के पूर्व मित्र जय अनंत देहाद्राई की शिकायत के आधार पर लगाए हैं. पिछले साल दिसंबर में कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा का सांसद पद रद्द कर दिया गया था.
लोकसभा अध्यक्ष ने बनाई कमेटी
निशिकांत की शिकायत पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक कमेटी बनाई. ओम बिड़ला को लिखे पत्र में निशिकांत दुबे ने इसे गंभीर ‘विशेषाधिकार के उल्लंघन’ और ‘घर के अपमान’ का मामला बताया. कमेटी ने महुआ मोइत्रा, निशिकांत दुबे समेत कई लोगों के बयान दर्ज किये. विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली एक समिति ने 9 नवंबर को एक बैठक में ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोप में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट तैयार की। समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया और दिसंबर 2023 में उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई।