कोलकाता, 03 जुलाई (हि.स.)। कोयला तस्करी मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया फिलहाल केंद्रीय एजेंसी ने स्थगित कर दी है। यह बुधवार को पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल में सीबीआई की विशेष अदालत में शुरू होने वाली थी। सूत्रों ने बताया है कि कई तकनीकी कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया है।
स्थगित करने का कारण विशेष अदालत में सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र में नामित दो आरोपितों की अनुपस्थिति है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उल्लेख किया था कि कुल 50 लोगों को आरोपित बनाया गया है, जिनमें से 47 को बुधवार को अदालत में उपस्थित होना था, क्योंकि 50 आरोपियों में से दो की मृत्यु हो चुकी है और एक फरार है।
हालांकि, बुधवार को आरोप पत्र में नामित केवल 45 आरोपित ही अदालत में उपस्थित थे, जिसने ”आरोप तय करने” की प्रक्रिया शुरू करने में तकनीकी बाधा के रूप में काम किया। दूसरी तकनीकी बाधा तब उत्पन्न हुई जब अदालत को बताया गया कि गवाह के रूप में नामित कई लोगों को अदालत में पेश होने के लिए समन के लिए नोटिस मिलना बाकी है। सीबीआई ने मामले में कुल 396 गवाहों के नाम दर्ज किए हैं।
साथ ही, अदालत को केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा चार्जशीट के साथ दायर किए गए भारी मात्रा में दस्तावेजों की जांच करने के लिए कुछ और समय चाहिए, जिसके कारण “आरोप तय करने” की प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। इस मामले के मुख्य आरोपितों में से एक विनय मिश्रा अभी भी फरार है।
नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वह वर्तमान में वानुअतु द्वीप पर नागरिकता लेने और अपनी भारतीय नागरिकता को सरेंडर करने के बाद रह रहा है। मामले में एक अन्य मुख्य आरोपित अनूप माझी उर्फ लाला, जो वर्तमान में सशर्त जमानत पर रिहा है, बुधवार को अदालत में मौजूद था।