केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और केरल पुलिस ने संयुक्त अभियान में अमेरिका के मोस्ट वांटेड अपराधी अलेक्सज बेसीकोव को गिरफ्तार कर लिया है। बेसीकोव को तिरुवनंतपुरम में पकड़ा गया, जब वह भारत से भागने की योजना बना रहा था।
लिथुआनियाई नागरिक बेसीकोव और रूसी नागरिक अलेक्ज़ेंडर मिरा सर्डा पर आरोप है कि वे क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मादक पदार्थों के तस्करों और आतंकवादी संगठनों की आर्थिक मदद कर रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा?
अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की रिपोर्ट के मुताबिक,
- 2019 से 2025 के बीच अलेक्ज़ेंडर मिरा सर्डा और अलेक्सज बेसीकोव ने “गारांटेक्स” नामक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का संचालन किया।
- गारांटेक्स ने 96 अरब डॉलर से अधिक के क्रिप्टो लेन-देन प्रोसेस किए।
- मिरा सर्डा गारांटेक्स के सह-संस्थापक और मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी (CCO) थे।
- बेसीकोव गारांटेक्स के मुख्य तकनीकी प्रशासक (CTO) थे और लेन-देन को स्वीकृत करने की जिम्मेदारी निभाते थे।
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अलेक्सज बेसीकोव पर क्या आरोप हैं?
CBI के अनुसार, बेसीकोव पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं:
- मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश – अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, वह और उनके साथी अवैध रूप से पैसे को इधर-उधर भेजने में शामिल थे।
- आर्थिक आपातकालीन शक्तियों के उल्लंघन की साजिश – बिना लाइसेंस के मनी ट्रांसफर ऑपरेशन चलाने का भी आरोप है।
- अवैध वित्तीय लेन-देन – आरोप साबित होने पर उन्हें 20 साल तक की जेल हो सकती है।
- अनधिकृत वित्तीय सेवाएं चलाने का अपराध – इसमें प्रत्येक आरोप के लिए 5 साल की सजा हो सकती है।
भारत ने किया प्रत्यर्पण का अनुरोध
CBI ने बताया कि अमेरिका के अनुरोध पर भारत ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- 10 मार्च को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1962 के प्रत्यर्पण अधिनियम के तहत अस्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
- CBI अब बेसीकोव को अमेरिका भेजने की कानूनी प्रक्रिया पर काम कर रही है।