बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बुधवार को स्वास्थ्य बीमा पर मास्टर सर्कुलर जारी कर स्पष्ट किया कि बीमा कंपनी को अनुरोध के एक घंटे के भीतर कैशलेस उपचार की अनुमति देने पर निर्णय लेना होगा। इरडा ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य बीमा उत्पादों पर मास्टर सर्कुलर ने पहले जारी किए गए 55 सर्कुलर को निरस्त कर दिया है और यह पॉलिसीधारकों को सशक्त बनाने तथा समावेशी स्वास्थ्य बीमा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पॉलिसीधारक के हित में बड़ा फैसला
बीमा नियामक ने कहा, “यह परिपत्र पॉलिसीधारक/संभावित के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में अधिकारों को उनके आसान संदर्भ के लिए एक स्थान पर लाता है और स्वास्थ्य बीमा खरीदने वाले पॉलिसीधारक को निर्बाध, तेज दावा अनुभव प्रदान करने और स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में उन्नत सेवा मानकों को सुनिश्चित करने के उपायों पर भी जोर देता है।”
इसमें कहा गया है कि कैशलेस प्राधिकरण अनुरोधों पर निर्णय तुरंत और एक घंटे के भीतर लिया जाना चाहिए तथा अस्पताल से अनुरोध के तीन घंटे के भीतर अस्पताल से छुट्टी मिलने पर अंतिम निपटान किया जाना चाहिए।
तीन घंटे के भीतर कैशलेस भुगतान
पहले हेल्थ इंश्योरेंस में कैशलेस पेमेंट के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब अस्पताल से डिस्चार्ज रिक्वेस्ट मिलने के तीन घंटे के अंदर ही यह हो जाएगा। बीमा नियामक IRDAI की ओर से 29 मई 2024 को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि किसी भी स्थिति में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को अस्पताल से डिस्चार्ज रिक्वेस्ट मिलने के तीन घंटे के अंदर पॉलिसीधारक द्वारा किए गए क्लेम का कैशलेस पेमेंट करना होगा।
इसके साथ ही, किसी भी स्थिति में बीमाधारक को मरीज के अस्पताल से छुट्टी मिलने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगर तीन घंटे से ज्यादा की देरी होती है, तो ऐसी स्थिति में अस्पताल द्वारा लिया गया कोई भी अतिरिक्त चार्ज बीमा कंपनी द्वारा अंशधारक को दिया जाएगा।
यदि बीमाधारक की इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है…
IRDAI ने अपने मास्टर सर्कुलर में साफ कहा है कि नई गाइडलाइन के तहत अगर किसी स्वास्थ्य बीमा धारक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाती है तो इस स्थिति में बीमा कंपनी को तुरंत क्लेम के भुगतान की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। इतना ही नहीं, इसके साथ ही मृतक के शव को भी जल्द से जल्द अस्पताल से निकालना होगा।
बीमा नियामक ने आपातकालीन मामलों के लिए भी नियमों में बदलाव किया है। बीमा कंपनी को अनुरोध मिलने के एक घंटे के भीतर कैशलेस भुगतान पर तत्काल निर्णय लेना होगा। इसके साथ ही IRDAI ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 31 जुलाई 2024 तक यह काम पूरा कर लें और लोगों की सुविधा के लिए बीमा कंपनियां संभव हो तो अस्पताल में एक हेल्प डेस्क भी बनाएं ताकि कैशलेस भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।