ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने भारत में दस्तक दे दी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, कर्नाटक में HMPV के 2 मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि HMPV का संक्रमण भारत सहित कई अन्य देशों में फैल रहा है। इससे संबंधित श्वसन बीमारियों के मामले विभिन्न स्थानों पर दर्ज किए जा रहे हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने एहतियात के तौर पर अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को HMPV से बचने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश साझा किए हैं।
HMPV से बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
- छींकते या खांसते समय रुमाल या कपड़े का उपयोग करें।
- अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें।
- सर्दी और खांसी से प्रभावित लोग सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें।
- खांसी या संक्रमण होने पर मास्क पहनें।
क्या न करें:
- दूसरों से हाथ मिलाने से बचें।
- एक ही टिश्यू या रुमाल का बार-बार उपयोग न करें।
- सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करें।
- संक्रमण के लक्षण दिखने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवा शुरू न करें।
कर्नाटक में सामने आए HMPV के मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, HMPV संक्रमण के दोनों मामले कर्नाटक के बेंगलुरु में रिपोर्ट हुए।
पहला मामला:
- मरीज: 3 महीने की बच्ची।
- स्थिति: बच्ची को ब्रोंकोन्यूमोनिया की शिकायत थी।
- इलाज: बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती किया गया और बाद में छुट्टी दे दी गई।
दूसरा मामला:
- मरीज: 8 महीने का शिशु।
- स्थिति: 3 जनवरी को बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती।
- इलाज: जांच के बाद HMPV की पुष्टि हुई। अब शिशु के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
महत्वपूर्ण: दोनों मरीजों का कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं था, जिससे यह स्पष्ट है कि संक्रमण स्थानीय रूप से फैला।
HMPV पर सरकार और ICMR की निगरानी
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी उपलब्ध निगरानी माध्यमों के जरिए स्थिति पर कड़ी नजर रखने का आश्वासन दिया है।
- ICMR पूरे वर्ष HMPV संक्रमण के रुझानों और मामलों की निगरानी करेगा।
क्या है HMPV?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है।
- यह खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है।
- लक्षण: खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत, और गंभीर मामलों में ब्रोंकोन्यूमोनिया।
- यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में छींकने, खांसने या संक्रमित सतहों के संपर्क के जरिए फैलता है।