राहुल गांधी का आरोप – सदन में बोलने नहीं दिया जाता
लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उन्हें सदन में बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है और सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से संचालित किया जा रहा है।
बुधवार को शून्यकाल के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन के सदस्यों का व्यवहार इसकी गरिमा के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने नियम 349 का हवाला देते हुए राहुल गांधी को आचरण सुधारने की सलाह दी। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
राहुल गांधी का पलटवार
राहुल गांधी ने स्पीकर की टिप्पणी पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा,
“मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। जब मैं खड़ा हुआ तो स्पीकर उठकर चले गए और कार्यवाही स्थगित कर दी।”
उन्होंने दावा किया कि जब भी वह बोलने के लिए खड़े होते हैं, तो उन्हें बोलने नहीं दिया जाता, जबकि परंपरा रही है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिया जाता है।
कांग्रेस सांसदों का विरोध
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस सांसदों ने स्पीकर से मुलाकात की और इस फैसले पर आपत्ति दर्ज कराई। कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि,
“जब सुषमा स्वराज जी नेता प्रतिपक्ष थीं, तो उन्हें पूरा सम्मान मिलता था, लेकिन राहुल गांधी को जानबूझकर रोका जा रहा है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।”
लोकसभा अध्यक्ष का रुख
ओम बिरला ने इस पर कहा कि सदन की कार्यवाही नियमों के अनुरूप चल रही है और सभी सदस्यों को सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। हालांकि, कांग्रेस सांसदों का कहना है कि भाजपा के मंत्रियों और सांसदों को तुरंत बोलने का मौका दिया जाता है, जबकि विपक्ष को रोक दिया जाता है।
संसद में बढ़ता गतिरोध
यह विवाद ऐसे समय सामने आया है जब संसद के अंदर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस सांसदों का आरोप है कि सरकार सदन में विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, भाजपा का कहना है कि विपक्ष जानबूझकर सदन का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।