बच्चे का स्वस्थ जन्म हर माता-पिता की पहली प्रार्थना होती है। हालांकि, कुछ मामलों में जन्म के समय शिशु का वजन सामान्य से कम होता है, जो माता-पिता के लिए चिंता का कारण बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जिन नवजातों का वजन जन्म के समय 2.5 किलो से कम होता है, उन्हें लो बर्थ वेट बेबी (LBW) कहा जाता है। भारत में लगभग 20% नवजात शिशु इस श्रेणी में आते हैं। यह समस्या समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि गर्भावधि पूरी करने के बावजूद भी कई बार बच्चों का वजन कम हो सकता है।
कम वजन वाले शिशुओं को विशेष देखभाल और सही पोषण की जरूरत होती है। आइए जानते हैं, इन शिशुओं का वजन बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
1. मां का दूध: अमृत समान पोषण
- मां का दूध हर शिशु के लिए अनमोल है, लेकिन कम वजन वाले बच्चों के लिए यह अमृत के समान होता है।
- यह पोषक तत्व और एंटीबॉडी प्रदान करता है, जो शिशु के विकास और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- ऐसे शिशुओं को बार-बार स्तनपान कराएं क्योंकि उनकी एक बार में दूध पीने की क्षमता सामान्य शिशुओं से कम होती है।
फोर्टिफाइड ब्रेस्ट मिल्क का उपयोग:
- मां के दूध में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व मिलाकर उसे फोर्टिफाइड किया जा सकता है।
- इससे दूध की पोषण क्षमता और कैलोरी बढ़ती है, जिससे बच्चे का वजन तेजी से बढ़ता है।
2. नियमित जांच और निगरानी
- कम वजन वाले शिशुओं का वजन और शारीरिक विकास नियमित अंतराल पर जांचते रहना चाहिए।
- डॉक्टर की देखरेख में उनकी प्रगति का विश्लेषण करना बेहद जरूरी है।
3. संक्रमण से बचाव
- कम वजन वाले नवजातों को संक्रमण का खतरा अधिक होता है, जो उनके वजन बढ़ाने में बाधा बन सकता है।
- बच्चे और उसके आसपास का वातावरण साफ-सुथरा रखें।
- उन्हें बीमार लोगों से दूर रखें और संक्रमण रोकने के लिए उचित सावधानियां बरतें।
4. कंगारू मदर केयर (Kangaroo Mother Care)
- नवजात का अपनी मां के साथ स्किन-टू-स्किन कॉन्टेक्ट उसके विकास और वजन बढ़ाने में सहायक होता है।
- यह न केवल बच्चे को मां की गर्माहट देता है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनाता है।
5. प्रशिक्षित विशेषज्ञ की सलाह लें
- यदि बच्चे को स्तनपान में कठिनाई हो रही हो, तो लैक्टेशन कंसल्टेंट या फीडिंग थेरेपिस्ट की मदद लें।
- यह सुनिश्चित करें कि बच्चे को पोषण पर्याप्त मात्रा में मिल रहा है।
6. कैलोरी सप्लीमेंट्स का उपयोग
- यदि मां का दूध बच्चे की कैलोरी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह पर कैलोरी सप्लीमेंट्स का उपयोग करें।
- ये सप्लीमेंट्स बच्चे को आवश्यक ऊर्जा प्रदान कर वजन बढ़ाने में मदद करते हैं।
7. जल्दबाजी से बचें
- नवजात का वजन धीरे-धीरे और स्वस्थ तरीके से बढ़ना चाहिए।
- जल्दी वजन बढ़ाने की कोशिश में किसी भी अनावश्यक या अवैज्ञानिक उपाय से बचें।
8. मां का आहार भी हो पौष्टिक
- स्तनपान कराने वाली मां का आहार पौष्टिक और संतुलित होना चाहिए।
- मां का सही आहार बच्चे के पोषण और वजन को प्रभावित करता है।
कम वजन का कारण समझें
कुछ शिशुओं का जन्म के समय वजन कम होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- समय से पहले जन्म (प्रीमैच्योर डिलीवरी)
- गर्भावस्था के दौरान मां का पोषण सही न होना
- गर्भ में बच्चे का सही विकास न होना (IUGR – Intrauterine Growth Restriction)
- गर्भावस्था में संक्रमण या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं