जॉर्जिया के गुडौरी रिसॉर्ट में 12 भारतीय नागरिकों की मौत: कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता बनी वजह

12 Indians Found Dead At Restaur

जॉर्जिया के गुडौरी पर्वतीय रिसॉर्ट में एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें 12 भारतीय नागरिकों की जान चली गई। जॉर्जिया के आंतरिक मामलों के मंत्रालय के अनुसार, यह दुर्घटना कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के कारण हुई। घटना के बाद भारतीय उच्चायुक्त ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

घटना का पूरा विवरण

जॉर्जिया के गुडौरी पर्वतीय रिसॉर्ट स्थित एक रेस्तरां में 12 भारतीय नागरिक मृत पाए गए। जॉर्जिया के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि प्रारंभिक निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की चोट या हिंसा के संकेत नहीं मिले हैं।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस जांच में यह निष्कर्ष निकला कि सभी पीड़ितों की मौत कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के कारण हुई। ये विषाक्त गैस बिना गंध और रंग की होती है, जिसके कारण इसका पता लगाना मुश्किल होता है।

भारतीय उच्चायुक्त की प्रतिक्रिया

त्बिलिसी में भारतीय उच्चायुक्त ने पुष्टि की कि सभी 12 मृतक भारतीय नागरिक थे। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना में जान गंवाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी। उच्चायुक्त ने यह भी कहा कि वे स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं और सभी जरूरी जानकारी जुटा रहे हैं।

जॉर्जिया का आधिकारिक दावा

हालांकि भारतीय उच्चायुक्त ने सभी मृतकों को भारतीय नागरिक बताया, लेकिन जॉर्जिया के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि मृतकों में 11 विदेशी नागरिक और एक जॉर्जियाई नागरिक था। मंत्रालय के बयान के अनुसार, सभी मृतक उसी भारतीय रेस्तरां में काम करते थे और उनके शव रेस्तरां की दूसरी मंजिल पर स्थित बेडरूम में पाए गए।

लापरवाही से हत्या का मामला दर्ज

जॉर्जिया पुलिस ने इस मामले में आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 116 के तहत लापरवाही से हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का मानना है कि बेडरूम के पास बंद जगह में रखे गए बिजली जनरेटर से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का रिसाव हुआ।

बताया जा रहा है कि बिजली आपूर्ति बंद होने के कारण शुक्रवार रात को जनरेटर चालू किया गया था, जिससे यह विषाक्त गैस फैल गई।

फोरेंसिक जांच और पुलिस की कार्रवाई

मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए फोरेंसिक मेडिकल जांच की जा रही है। फोरेंसिक विशेषज्ञ और अपराधी जांच दल मौके पर पहुंचकर सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और मामले से जुड़े व्यक्तियों के बयान दर्ज कर रहे हैं।

जांच प्रक्रिया को ‘सक्रिय’ रखा गया है ताकि जल्द से जल्द घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।

कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के खतरे

कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) एक बेहद खतरनाक गैस है, जो बिना रंग और गंध की होती है। इसके रिसाव का पता लगाना आसान नहीं होता, और यह गैस शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित करती है। लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने पर मौत हो सकती है।

इस घटना में जनरेटर का इस्तेमाल करने के दौरान उचित वेंटिलेशन (हवा की निकासी) न होने के कारण गैस का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया, जिससे यह दुखद घटना हुई।

भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के उपाय

  • वेंटिलेशन सुनिश्चित करना: बंद जगहों में जनरेटर का इस्तेमाल करते समय उचित वेंटिलेशन होना जरूरी है।
  • कार्बन मोनोऑक्साइड डिटेक्टर: कार्बन मोनोऑक्साइड डिटेक्टर लगवाना चाहिए ताकि खतरे का समय पर पता चल सके।
  • सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन: जनरेटर और अन्य उपकरणों के उपयोग के दौरान सुरक्षा निर्देशों का पालन करना जरूरी है।
  • प्रशिक्षण और जागरूकता: कर्मचारियों को गैस रिसाव की स्थिति में सही कदम उठाने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।