Cancer Cure: तरबूज खरीदते समय रहें सावधान, वरना कैंसर का भी है खतरा

तरबूज गर्मियों का पसंदीदा फल है। जो शरीर को हाइड्रेट और तरोताजा करने में मदद करता है। लेकिन आजकल बाजार में मिलने वाले तरबूज कैंसर सहित कई समस्याएं पैदा कर रहे हैं। दरअसल, ऐसी कई रिपोर्टें आई हैं कि तरबूजों को विभिन्न प्रकार के रसायनों का उपयोग करके पकाया जा रहा है। जिससे कैंसर भी हो सकता है। ऐसे में हमें तरबूज खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

 

तरबूज कैंसर का कारण कैसे बन सकता है?

आजकल बाजार में उपलब्ध तरबूजों को पकाने के लिए ईथर, कार्बाइड या डाई जैसे रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। ये रसायन शरीर में प्रवेश करने पर कैंसर, यकृत क्षति, गुर्दे की समस्याएं और हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। कुछ तरबूज विक्रेता गूदे को अधिक लाल दिखाने के लिए उसमें कृत्रिम रंग मिला देते हैं। यदि ये रंग खाद्य श्रेणी के नहीं हैं, तो ये कैंसर का कारण बन सकते हैं। वहीं, अगर तरबूज को लंबे समय तक रखा जाए या ठीक से स्टोर न किया जाए तो उसमें फफूंद लग सकती है। यह कवक एफ्लाटॉक्सिन नामक विष उत्पन्न कर सकता है, जिससे यकृत कैंसर का खतरा पैदा होता है।

सही तरबूज की पहचान कैसे करें?

नकली तरबूज़ की पहचान

अगर तरबूज का गूदा बहुत लाल और बहुत चमकदार दिखे तो समझ लीजिए कि यह नकली तरबूज है। वहीं, अगर तरबूज काटते समय उसमें से झाग निकलने लगे तो उसे खाने से बिल्कुल बचें। रसायनों से भरपूर तरबूज का स्वाद थोड़ा अजीब लग सकता है। वहीं, अगर छिलका बहुत ज्यादा चमकदार या अस्वाभाविक रूप से चिकना दिखे तो उसे बिल्कुल न खरीदें।

सही तरबूज की पहचान

तरबूज हमेशा विश्वसनीय दुकानदार से ही खरीदें। खाने से पहले तरबूज़ को 30 मिनट तक ठंडे पानी में भिगो दें। कभी भी बहुत चमकीले लाल रंग के तरबूज न खरीदें। कटे हुए तरबूज न खरीदें, उनमें भी बैक्टीरिया हो सकते हैं। घर पर इसे काटते समय यह सुनिश्चित करें कि इसमें कोई झाग या रासायनिक गंध न हो।