कैंसर और डायबिटीज दो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जो आज दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित कर रही हैं। खासकर टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर के जोखिम और उपचार के परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। कई शोध यह साबित कर चुके हैं कि डायबिटीज वाले व्यक्तियों में कुछ प्रकार के कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। इनमें लिवर, पैंक्रियाज, एंडोमेट्रियल, कोलोरेक्टल, ब्रेस्ट, और ओवेरियन कैंसर प्रमुख हैं।
आइए विस्तार से जानते हैं कि ये दोनों बीमारियां कैसे जुड़ी हुई हैं, इनके पीछे के कारण और उपचार के दौरान आने वाली चुनौतियां।
डायबिटीज और कैंसर के बीच संबंध
1. इंसुलिन प्रतिरोध और कैंसर
डायबिटीज, विशेष रूप से टाइप 2, के रोगियों में इंसुलिन प्रतिरोध आम होता है।
- बढ़ा हुआ इंसुलिन स्तर शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ावा दे सकता है।
- यह कैंसर कोशिकाओं के लिए एक ग्रोथ फैक्टर के रूप में कार्य करता है।
2. जीर्ण सूजन (Chronic Inflammation)
डायबिटीज लगातार कम-ग्रेड सूजन की स्थिति उत्पन्न करता है।
- यह सूजन शरीर में कैंसर के विकास को बढ़ावा दे सकती है।
- सूजन का यह वातावरण कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने और फैलने के लिए अनुकूल होता है।
3. साझा जोखिम कारक
डायबिटीज और कैंसर दोनों के लिए कुछ सामान्य जोखिम कारक होते हैं:
- मोटापा: यह दोनों ही बीमारियों का एक प्रमुख कारण है।
- खराब आहार: अत्यधिक शर्करा और फैट युक्त आहार का सेवन।
- शारीरिक निष्क्रियता: नियमित व्यायाम की कमी से जोखिम बढ़ता है।
डायबिटीज से पीड़ित कैंसर रोगियों की चुनौतियां
डायबिटीज से ग्रस्त कैंसर रोगियों को उपचार के दौरान कई अनोखी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार, डायबिटीज की उपस्थिति कैंसर के उपचार और रिकवरी को जटिल बना सकती है।
1. उपचार की प्रभावकारिता पर प्रभाव
- उच्च रक्त शर्करा का स्तर कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के प्रभाव को कम कर सकता है।
- यह कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ इन उपचारों की प्रभावशीलता को बाधित करता है।
2. बढ़ी हुई विषाक्तता (Toxicity)
- मधुमेह रोगियों को कैंसर के उपचार के दुष्प्रभावों का अधिक अनुभव होता है।
- कीमोथेरेपी और अन्य उपचार से दुष्प्रभावों की तीव्रता बढ़ सकती है।
3. घाव भरने में देरी
- डायबिटीज रोगियों में घावों के भरने की गति धीमी होती है।
- यह सर्जरी के बाद रिकवरी को जटिल बनाता है।
4. संक्रमण का उच्च जोखिम
- उच्च ग्लूकोज स्तर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है।
- इससे संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है, जो उपचार प्रक्रिया को और कठिन बना देता है।
कैंसर और डायबिटीज: निवारण और प्रबंधन
इन दोनों बीमारियों से बचाव और प्रभावी प्रबंधन के लिए कुछ सामान्य उपाय अपनाए जा सकते हैं।
1. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
- संतुलित आहार लें, जिसमें फाइबर, प्रोटीन और पोषक तत्व भरपूर हों।
- जंक फूड और अत्यधिक शर्करा वाले पदार्थों से बचें।
2. नियमित व्यायाम करें
- रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें।
- यह न केवल वजन को नियंत्रित करता है बल्कि शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता भी बढ़ाता है।
3. नियमित स्वास्थ्य जांच
- ब्लड शुगर लेवल और अन्य संबंधित टेस्ट समय-समय पर करवाएं।
- कैंसर की जल्द पहचान के लिए नियमित स्क्रीनिंग कराएं।
4. मोटापे पर नियंत्रण
- वजन को स्वस्थ सीमा में बनाए रखें।
- मोटापा कैंसर और डायबिटीज दोनों का मुख्य कारण है।
5. धूम्रपान और शराब से बचें
- धूम्रपान और शराब का सेवन दोनों बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है।