कनाडा के नवनियुक्त प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पद संभालते ही सबसे पहले अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा। ट्रंप का नाम लिए बिना उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “कनाडा कभी भी अमेरिका का हिस्सा बनने को तैयार नहीं होगा।”
गौरतलब है कि जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राजनीति में दोबारा सक्रियता दिखाई है, तब से वे कनाडा पर हमलावर हैं। पहले उन्होंने कनाडा पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी और अब वे अमेरिका-कनाडा सीमा के पुनर्निर्धारण की बात कर रहे हैं।
मार्क कार्नी को जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ उनकी ही पार्टी में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
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मार्क कार्नी का ट्रंप को जवाब
“कनाडा की संप्रभुता अटूट है!”
मार्क कार्नी ने अपने बयान में कहा,
“हमने इस देश को दुनिया का महान देश बनाया है, लेकिन अब पड़ोसी (अमेरिका) इस पर कब्जा करना चाहता है। यह कभी नहीं हो सकता।”
“अमेरिका हमारे संसाधनों का दोहन करना चाहता है!”
उन्होंने आगे कहा,
“अमेरिका हमारे पानी, भूमि और संसाधनों पर कब्जा जमाना चाहता है। अगर वे सफल हो गए, तो हमारा अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।”
“कनाडा विविधता का सम्मान करता है!”
कार्नी ने अमेरिका की संस्कृति पर भी हमला बोला और कहा,
“अमेरिका एक संस्कृति को खत्म करने वाले पड़ाव पर आ खड़ा हुआ है, जबकि कनाडा विविधता और स्वतंत्रता को महत्व देता है। हम किसी भी रूप में अमेरिका का हिस्सा नहीं बन सकते।”
ट्रंप की नीतियों पर सीधा हमला
मार्क कार्नी, जो ‘बैंक ऑफ कनाडा’ और ‘बैंक ऑफ इंग्लैंड’ के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं, उन्होंने ट्रंप की अर्थव्यवस्था नीतियों पर भी कड़ा प्रहार किया।
“डोनाल्ड ट्रंप हमारी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं!”
“उन्होंने हमारे उत्पादों, सेवाओं और व्यापार पर अनुचित शुल्क लगाए हैं!”
“कनाडाई श्रमिकों और व्यवसायों पर हमला किया जा रहा है, लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे!”
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि जब तक अमेरिका कनाडा पर अनुचित शुल्क लगाता रहेगा, तब तक कनाडा भी जवाबी शुल्क लागू रखेगा।
कनाडा में बढ़ रहा अमेरिका विरोध
ट्रंप द्वारा कनाडा को 51वें अमेरिकी राज्य बनाने की अटकलों और कनाडा पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकियों के बाद देश में अमेरिका विरोधी भावना तेज हो गई है।
लोग अमेरिका की यात्राएं रद्द कर रहे हैं।
कई कनाडाई अब अमेरिकी उत्पादों को खरीदने से बच रहे हैं।
पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो पर भी अमेरिकी नीतियों को लेकर जनता में नाराजगी देखी गई थी।