कनाडा सरकार ने अमेरिकी एच-1बी वीजा धारकों के लिए वर्क परमिट नियमों में बदलाव किया है। इसका मतलब है कि एच-1बी वीजा पर अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवर अब कनाडा में काम करने के लिए आसानी से आवेदन कर सकते हैं। इससे भारतीय आईटी पेशेवरों को काफी फायदा होगा।
भारतीय पेशेवरों के लिए एक अच्छा विकल्प
अमेरिका में वर्तमान में एच-1बी वीजा धारकों के लिए बहुत प्रतिबंधात्मक नीतियां और नौकरी की अनिश्चितता है। ऐसे में कनाडा का यह कदम भारतीय पेशेवरों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। वे अब कनाडा में स्थिर रोजगार पा सकेंगे और अपनी प्रतिभा और कौशल का बेहतर उपयोग कर सकेंगे।
आईटी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा
कनाडा के इस कदम का उद्देश्य उसकी अर्थव्यवस्था में विविधता लाना और उसे गतिशील बनाना है। उच्च कुशल पेशेवर, विशेष रूप से आईटी से संबंधित व्यवसायों में काम करने वाले, अब आसानी से कनाडा जा सकेंगे। इससे कनाडा का आईटी क्षेत्र भी मजबूत होगा और यह एक प्रमुख आईटी गंतव्य बन जाएगा।
आर्थिक विकास में योगदान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा की जीडीपी ग्रोथ रेट 1.2% है। वित्त वर्ष 2022-2023 में 15,000 से अधिक भारतीय तकनीकी पेशेवर कनाडा चले जाएंगे। इससे पता चलता है कि कनाडा भारतीय तकनीकी प्रतिभाओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनता जा रहा है।
भारतीयों की पसंदीदा जगह
हालाँकि हाल के वर्षों में कनाडा और भारत के बीच संबंधों में गिरावट आई है, फिर भी कनाडा भारतीयों के लिए एक पसंदीदा स्थान है। यहां बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय की मौजूदगी है और करियर तथा शैक्षिक गतिविधियों के अवसर भारतीयों को आकर्षित करते हैं।
हर साल 25 लाख से ज्यादा भारतीय विदेश जाते हैं। ऐसे में कनाडा की नई नीतियां उसे वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद कर सकती हैं। कनाडा में काम करने के बाद, जब ये पेशेवर भारत लौटते हैं, तो वे अपने साथ बहुमूल्य अनुभव और अंतर्दृष्टि भी लेकर आते हैं। यह स्थानीय नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।