भारत ने कनाडा में आतंकवाद को महिमामंडित करने की चल रही घटनाओं की आलोचना की है. भारत ने कहा कि कनाडा में नियमित रूप से आतंकवाद का महिमामंडन किया जाता है, वास्तव में सभी शांतिपूर्ण देशों और लोगों को आतंकवाद की निंदा करनी चाहिए।
भारतीय दूतावास ने 1985 के कनिष्क बम विस्फोट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस मौके पर राजदूत ने कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा, राष्ट्रीयता या जाति नहीं होती. गौरतलब है कि 23 जून 1985 को मॉन्ट्रियल-लंदन-दिल्ली मार्ग पर उड़ रहा एक हवाई जहाज कनिष्क के पास अटलांटिक महासागर में फट गया था. इस हरकत को कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था. इस घटना में एयर इंडिया की फ्लाइट में 86 बच्चों समेत 329 लोगों की मौत हो गई थी. घटना की बरसी पर भारतीय दूतावासों ने रविवार को टोरंटो और वैंकूवर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए। राजदूत ने इस अवसर पर कहा कि इस कायरतापूर्ण कृत्य को हुए 39 साल बीत चुके हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है।
भारत ने खालिस्तान आतंकवादी और सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की पहली बरसी पर दो मिनट का मौन रखने के लिए कनाडा की संसद की आलोचना की। अब कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने भी इस कृत्य के लिए सरकार की आलोचना की है। डेनियल ने कहा कि यह घटना नैतिक अपमान है। खालिस्तान पहले ही सरकार में घुसपैठ कर चुका है. पिछले एक दशक से यही चल रहा है. आतंकवाद और धोखाधड़ी के लिए निज्जर को दो बार कनाडा में प्रवेश करने से रोका गया लेकिन वह चुपचाप कनाडा आ गया।