कनाडा में पढ़ने वाले छात्रों को कनाडा सरकार की ओर से एक ईमेल मिल रहा है, जिसमें उनसे उनके अंक और उपस्थिति का विवरण मांगा जा रहा है। यह ईमेल मिलने के बाद भारतीय छात्र काफी घबरा गए हैं और वे भारत में उन एजेंटों को फोन कर रहे हैं, जिन्होंने उनके लिए कनाडा में पढ़ाई की व्यवस्था की थी। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के ‘इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा’ (आईआरसीसी) ने ईमेल में छात्रों से स्टडी परमिट और शिक्षा रिकॉर्ड मांगा है।
आईआरसीसी द्वारा ये ईमेल ऐसे समय मांगे जा रहे हैं जब अधिकांश छात्रों के छात्र वीजा दो साल से अधिक समय के लिए वैध हैं। दरअसल, सरकार ने एक पहल शुरू की है जिसके तहत ‘नामित शिक्षण संस्थानों’ (डीएलआई) और छात्रों से सख्त आव्रजन नियमों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है। सरकार यह जांच कर रही है कि डीएलआई और छात्र आव्रजन कानूनों और अध्ययन नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। डीएलआई ऐसे संस्थान हैं जहां विदेशी छात्र अध्ययन करते हैं।
छात्रों ने क्या कहा?
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए ईमेल पाने वाले एक छात्र ने बताया, “ये ईमेल औपचारिक पूछताछ की तरह होते हैं, जिसमें छात्रों को सबूतों के साथ बताना होता है कि वे कनाडा में पढ़ाई करने के लिए शैक्षणिक और इमिग्रेशन नियमों का पालन कर रहे हैं। अगर कोई सही तरीके से जवाब नहीं दे रहा है या पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर रहा है, तो इसका मतलब है कि वह नियमों का पालन नहीं कर रहा है। ऐसा होने पर छात्रों का स्टडी परमिट रद्द किया जा सकता है और उन्हें उनके देश वापस भेजा जा सकता है।”
एक अन्य छात्र ने कहा, “हम चिंतित हैं क्योंकि इन सख्त उपायों का मतलब है अकादमिक और आव्रजन नियमों का पालन करने के लिए दबाव बढ़ाना। हममें से कई लोग अब महसूस करते हैं कि अगर हम गलती से या जानबूझकर कक्षाएं छोड़ देते हैं या DLI बदल देते हैं और फिर IRCC को इसकी सूचना नहीं देते हैं, तो कनाडा में हमारा भविष्य खतरे में पड़ सकता है।”
कनाडा में पढ़ रहे एक अन्य छात्र ने कहा, “हालांकि, हमें घबराने की सलाह नहीं दी जा रही है। भले ही हमने सरकार को सूचित किए बिना डीएलआई बदल दिया है, फिर भी हमें चिंता नहीं करनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमें यह साबित करना है कि हम नए संस्थान में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं और हमारा अकादमिक रिकॉर्ड भी अच्छा है।” फिलहाल, छात्रों को ईमेल का तुरंत जवाब देने की सलाह दी जा रही है।
कनाडा किसे ईमेल भेज रहा है?
शिक्षा सलाहकारों के अनुसार, आमतौर पर उन छात्रों को ईमेल मिल रहे हैं जिन्होंने IRCC को सूचित किए बिना अपना कॉलेज या कोर्स बदल लिया है। कनाडा में डीएलआई बदलने की अनुमति है, लेकिन इसके बारे में IRCC को सूचित करना भी ज़रूरी है। ईमेल उन छात्रों को भेजे जा रहे हैं जिनका शैक्षणिक प्रदर्शन अच्छा नहीं है, उपस्थिति कम है, जो परीक्षा में फेल हो गए हैं, कॉलेज से निकाले गए हैं या कॉलेज छोड़ चुके हैं।
जालंधर के शिक्षाविद तीरथ सिंह ने बताया, “पहले कुछ कनाडाई शिक्षा एजेंटों ने डीएलआई बदलने के लिए आसान नियमों का फायदा उठाया है। ऐसा करने वाले छात्रों को रोजाना क्लास लेने की जरूरत नहीं होती और वे काम पर ज्यादा ध्यान दे पाते हैं। कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जो इस तरह के काम को बढ़ावा देते हैं। लेकिन, अब कनाडा ने नियम सख्त कर दिए हैं। कॉलेज बदलने पर नया स्टडी परमिट लेना जरूरी हो गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि स्टडी परमिट का गलत इस्तेमाल न हो सके और छात्र अपनी पढ़ाई को प्राथमिकता दे सकें।”