कनाडा ने पाकिस्तान पर लगाया आरोप कंगाली-तालिबान के दोहरे हमले से जूझ रहे पाकिस्तान पर कनाडा का हमला

कनाडा ने पाकिस्तान पर बड़ा आरोप लगाया है। दरअसल, कनाडा में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले, जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान पर आगामी चुनावों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। हाल ही में ट्रूडो की सरकार ने दावा किया था कि 2019 और 2021 में हुए चुनावों के दौरान विदेशी हस्तक्षेप हुआ था. अब कनाडा ने भी पाकिस्तान पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं.

पाकिस्तान से पहले कनाडा सरकार ने भारत और चीन पर कनाडा के चुनाव में दखल देने का आरोप लगाया था. कनाडा में चुनाव से पहले ट्रूडो सरकार ने जांच कमेटी बनाई थी. उस वक्त कहा गया था कि भारत की नजर अगले चुनाव पर है.

चीन सबसे बड़ा ख़तरा है

एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस सूची में चीन सबसे ऊपर है। कनाडाई जस्टिस मैरी जोसी हॉग इस मामले की सुनवाई कर रही हैं। उनका कहना है कि मिली जानकारी के मुताबिक चीन पर सबसे ज्यादा शक होने की संभावना है. ऐसी आशंका है कि आगामी चुनावों में चीनी हस्तक्षेप देखने को मिल सकता है. पाकिस्तान के बारे में अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलने से उस पर शक की सुई उठ गई है.

पाकिस्तान तालिबान से परेशान है

मौजूदा समय में पाकिस्तान की स्थिति बेहद नाजुक है. आर्थिक समस्याओं के साथ-साथ पड़ोसी देश अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से भी जूझ रहा है. हाल ही में अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हवाई हमलों से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है.

हवाई हमले में कितने लोग मारे गए?

17-18 मार्च को पाकिस्तान वायुसेना की ओर से अफगानिस्तान में हवाई हमला किया गया था. इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान के कई हिस्सों को निशाना बनाया. हमले में करीब 3 बच्चों और 8 लोगों की मौत हो गई. पाकिस्तान का कहना है कि मारे गए सभी लोग आतंकवादी थे। तालिबान सरकार के मुताबिक मारे गए सभी लोग आम नागरिक थे.

तालिबान सरकार ने पाकिस्तानी दूतावास प्रभारी को तलब किया

एयरस्ट्राइक के बाद अफगानिस्तान का गुस्सा चरम पर है. वहां की सरकार ने पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. इतना ही नहीं तालिबान ने पाकिस्तानी दूतावास के प्रभारी को भी तलब किया है.

तालिबान के खिलाफ पाकिस्तान के गुस्से की वजह क्या है?

दोनों पड़ोसी देशों के बीच युद्ध का मुख्य कारण अफगानिस्तान की धरती पर अवैध पाकिस्तानी घुसपैठ है। इसके अलावा पाकिस्तान की एक झुंझलाहट ये भी है कि तालिबान अब उसके इशारों पर नहीं नाचता. एक समय था जब तालिबान हर काम पाकिस्तान के इशारे पर कर रहा था. लेकिन सत्ता में आने के बाद से वह समझदारी से काम ले रहे हैं. ये बात पाकिस्तान को नागवार गुजर रही है. पाकिस्तान चाहता है कि तालिबान उसके निर्देशों पर चले.