मोटापे और वायु प्रदूषण के बीच संबंध: बढ़ते प्रदूषण के कारण न केवल सांस लेने की समस्या बल्कि मोटापा भी आजकल एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। प्रदूषण हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करता है और यह शरीर के हार्मोनल संतुलन को भी प्रभावित कर सकता है। प्रदूषण में मौजूद हानिकारक कण और रसायन शरीर में सूजन बढ़ा सकते हैं, जिससे अंततः वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, बढ़ते प्रदूषण से शारीरिक गतिविधि में कमी, तनाव और नींद संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जो मोटापे का प्रमुख कारण हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि प्रदूषण हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करता है और यह मोटापे का कारण कैसे बन सकता है, साथ ही इस समस्या से निपटने के उपायों के बारे में भी बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने डॉ. से संपर्क किया. सीमा यादव से बात हुई.
मोटापा और वायु प्रदूषण के बीच संबंध
वायु प्रदूषण में सूक्ष्म कण पीएम 2.5 और अन्य हानिकारक रसायन होते हैं, जो न केवल हमारे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि शरीर के भीतर सूजन भी बढ़ाते हैं। ऐसे कई अध्ययन हैं जो बताते हैं कि इन हानिकारक कणों के शरीर में प्रवेश से इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है। यह स्थिति शरीर के चयापचय को धीमा कर देती है और शरीर में अतिरिक्त वसा जमा होने की प्रक्रिया को बढ़ावा देती है। इसके अलावा प्रदूषण शरीर में कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन का स्तर भी बढ़ा देता है, जिससे वजन बढ़ने लगता है।
शारीरिक गतिविधि में कमी
प्रदूषण के कारण लोग बाहर कम निकलते हैं और शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। जब लोग प्रदूषण से बचने के लिए बाहर कम निकलते हैं या घर के अंदर ही रहते हैं तो उनकी कैलोरी बर्न करने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इस प्रकार, कम शारीरिक गतिविधि और गतिहीन आदतों से वजन बढ़ सकता है।
तनाव और अनिद्रा
प्रदूषण न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। जब हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती है तो इससे तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह मानसिक स्थिति शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ देती है और मोटापे का कारण बन सकती है। इसके अलावा, प्रदूषण नींद की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे शरीर की रिकवरी में बाधा आती है और वजन बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
बढ़ते प्रदूषण में मोटापे से बचने के लिए क्या करें?
- मोटापे और प्रदूषण से बचने के लिए घर पर ही हल्का व्यायाम या योग करें।
- प्रदूषण से बचने के लिए घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और बाहर जाने से पहले हवा की गुणवत्ता जांच लें।
- फल, सब्जियां और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं।
- प्रदूषण के कारण होने वाली सूजन और शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए खूब पानी पियें। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और वजन घटाने में मदद करता है।
- तनाव कम करने के लिए श्वास संबंधी व्यायाम और ध्यान करें।
- शरीर को प्रदूषण से बचाने के लिए विटामिन ए, सी और ई से भरपूर खाद्य पदार्थों सहित स्वस्थ आहार लें। ये तत्व शरीर को हानिकारक प्रदूषण कणों से लड़ने और वजन संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
- प्रदूषण को पूरी तरह से नियंत्रित करना मुश्किल है, लेकिन हम अपनी जीवनशैली में सुधार करके इससे होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। इससे न केवल मोटापा नियंत्रण में रहता है बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाव होता है।