उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को हटाने का अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है। गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन इलाके में पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष अभियान चलाया है। इससे पहले भी इस तरह का अभियान चलाया गया था, जिसमें बिना अनुमति लगे लाउडस्पीकरों को हटाकर स्कूलों को सौंप दिया गया था, जहां वे प्रार्थना और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में उपयोग किए जा रहे हैं।
गाजियाबाद में अभियान की शुरुआत
गाजियाबाद पुलिस ने ट्रांस हिंडन क्षेत्र में धार्मिक स्थलों पर लगे बिना अनुमति लाउडस्पीकरों को हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
- पुलिस का बयान:
पुलिस उपायुक्त (जोन ट्रांस हिंडन) ने बताया कि 5 दिसंबर को विशेष अभियान चलाकर पुलिस बल ने सभी थाना क्षेत्रों में बिना अनुमति लगे लाउडस्पीकरों को हटाने की कार्रवाई शुरू की। - दिशा-निर्देश:
सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि ध्वनि यंत्रों का उपयोग निर्धारित मानकों के अनुसार ही हो।
पहले भी चला था ऐसा अभियान
यह पहली बार नहीं है जब गाजियाबाद में इस तरह का अभियान चलाया गया है। इससे पहले भी जिले में धार्मिक स्थलों पर लगे ढाई सौ से ज्यादा लाउडस्पीकरों को मानकों के अनुरूप किया गया था।
- मुख्यमंत्री का आदेश:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट निर्देश दिए थे कि धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की आवाज धार्मिक स्थल के अंदर तक सीमित होनी चाहिए और बाहर नहीं जानी चाहिए। - पिछले अभियान का नतीजा:
पहले अभियान के दौरान हटाए गए लाउडस्पीकरों को स्कूलों को सौंप दिया गया था, जहां उन्हें प्रार्थना और अन्य गतिविधियों में उपयोग किया जा रहा है।
ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती
गाजियाबाद पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि धार्मिक स्थलों पर लगे सभी ध्वनि यंत्र ध्वनि प्रदूषण मानकों के तहत उपयोग किए जाएं।
- बिना अनुमति लगे लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं।
- ध्वनि यंत्रों को मानकों के अनुरूप बजाने की अनुमति दी जाएगी।
- अभियान जारी रहेगा, जब तक सभी धार्मिक स्थलों की जांच पूरी नहीं हो जाती।
अभियान का महत्व
ध्वनि प्रदूषण न केवल पर्यावरण को प्रभावित करता है, बल्कि इससे लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। इस प्रकार के अभियान का उद्देश्य सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना है।