नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशन तक देशव्यापी पहुंच प्रदान करने के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना, वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन को मंजूरी दे दी है। इस योजना को एक सरल, उपयोगकर्ता के अनुकूल और पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज नई केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में 3 कैलेंडर वर्षों 2025, 2026 और 2027 के लिए वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के लिए कुल लगभग 6 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के फैसला की जानकारी देते हुए कहा कि योजना अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और सरकारी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, शोध संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एएनआरएफ पहल का पूरक होगा।
उन्होंने बताया कि वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकार के प्रबंधन के तहत आने वाले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को एक केंद्रीय एजेंसी, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) द्वारा समन्वित राष्ट्रीय सदस्यता के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। इस सूची में 6,300 से अधिक संस्थान शामिल हैं। लगभग 1.8 करोड़ छात्र, संकाय और शोधकर्ता शामिल हैं, जो संभावित रूप से वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का लाभ उठा सकेंगे।