भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चार ऋण राशियों पर अत्यधिक ब्याज वसूलने के लिए चार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को नए ऋण स्वीकृत करने या वितरित करने से प्रतिबंधित कर दिया है।
इन चार एनबीएफसी में सचिन बंसल के नेतृत्व वाली नवही फिनसर्व और मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप समर्थित डीएमआई फाइनेंस शामिल हैं। आरबीआई द्वारा विभिन्न एनबीएफसी को अधिक ब्याज वसूलने की चेतावनी देने के ठीक दस दिन बाद यह प्रतिबंध लगाया गया है। यह प्रतिबंध 22 अक्टूबर यानी 21 अक्टूबर को कामकाजी समय खत्म होने के तुरंत बाद से लागू होगा. जिन दो अन्य कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है उनमें मन्नापुरम फाइनेंस प्रवर्तित आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड और कोलकाता स्थित आरोहण फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड शामिल हैं।
प्रतिबंध के संबंध में आरबीआई ने एक बयान में कहा कि जब केंद्रीय बैंक द्वारा इन कंपनियों के संचालन की जांच की गई तो वे ऋण राशि पर अनैतिक रूप से अत्यधिक ब्याज वसूल रहे थे। आरबीआई द्वारा आंकड़े जुटाकर कराए गए सत्यापन में भी इस तरह की गड़बड़ी साबित हुई। बता दें कि 9 अक्टूबर को आरबीआई के एमपीसी फैसलों की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को लोन पर ज्यादा ब्याज वसूलने के लिए चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि विकास दर को स्थिर रखने की नीति से हटकर कारोबार बढ़ाने के चक्कर में इन फाइनेंस कंपनियों द्वारा किया जा रहा कदाचार अनुचित है। आरबीआई ने इस तरह की गड़बड़ियों पर चिंता व्यक्त की और किसी भी कीमत पर अपना कारोबार बढ़ाने की चाहत रखने वाली कंपनियों से ऐसा नहीं करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसी गलती करने वाली कंपनियां खुद ऐसी गतिविधियां बंद नहीं करतीं तो आरबीआई सख्त कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएगा।