पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक प्लस) ने अपने महत्वपूर्ण तेल उत्पादन कटौती को 2025 तक बढ़ाने की घोषणा की है। इस निर्णय का उद्देश्य सुस्त मांग वृद्धि, उच्च ब्याज दरों और बढ़ते अमेरिकी तेल उत्पादन के बीच बाजार को स्थिर करना है। फैसले के तहत समूह प्रतिदिन 58.6 लाख बैरल उत्पादन में कटौती बरकरार रखेगा. इसके बाद कटौती चरणबद्ध तरीके से बंद कर दी जाएगी। उत्पादन में लंबे समय तक कटौती बनाए रखने का निर्णय ओपेक प्लस के बाजार को स्थिर करने के दृढ़ संकल्प का संकेत देता है।
फिलहाल ओपेक प्लस प्रति दिन 58.6 लाख बैरल की कटौती कर रहा है. इस कटौती का पैमाना वैश्विक मांग का 5.7 फीसदी है. इस कटौती में प्रति दिन 36.6 लाख बैरल की अनिवार्य कटौती भी शामिल है। कटौती 2024 के अंत में समाप्त होनी थी। जबकि 58.6 लाख बैरल की कटौती में ओपेक के आठ सदस्यों द्वारा प्रतिदिन 22 लाख बैरल की स्वैच्छिक कटौती भी शामिल है. जो पहले जून 2024 में समाप्त होने वाली थी। अब नवेसर के फैसले में प्रतिदिन 36.6 लाख बैरल की कटौती को 2025 के अंत तक बढ़ा दिया गया है. इस बीच रोजाना 22 लाख बैरल की कटौती को सितंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है. इस समय के बाद, कटौती अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025 तक चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दी जाएगी।
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान ने कहा कि ओपेक ने अपने उत्पादन दृष्टिकोण को संशोधित करने से पहले आर्थिक स्थितियों में सुधार की प्रतीक्षा करने की रणनीति अपनाई है। विशेष रूप से ओपेक प्लस ब्याज दरें कम होने का इंतजार कर रहा है। साथ ही, ओपेक प्लस का मानना है कि विभिन्न देशों के अलग-अलग विकास आंकड़ों के बजाय वैश्विक स्तर पर लगातार वृद्धि बाजार में स्थिर माहौल के लिए अनुकूल है।
इसके साथ ही ओपेक का अनुमान है कि 2024 के पहले छह महीनों के पूरा होने के बाद शेष छह महीनों के दौरान कच्चे तेल की औसत दैनिक मांग 436.5 लाख बैरल रहेगी.