4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से अब तक यानी करीब डेढ़ महीने की अवधि में बारह सरकारी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में कुल मिलाकर 12 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. 12 लाख करोड़ से ज्यादा का उछाल आया है.
चालू कैलेंडर वर्ष 2024 में अब तक इन बारह कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में रु. 22 लाख करोड़ से ज्यादा. विशेषज्ञों की राय है कि अगर सरकार इन कंपनियों की कीमतों में इतनी बड़ी बढ़ोतरी का फायदा उठाने का फैसला करती है और इन कंपनियों के कुछ शेयर बेचकर फंड जुटाने का विकल्प अपनाती है, तो इन कंपनियों के शेयर की कीमतें नीचे आ सकती हैं। दबाव। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी के कारण सरकार जानबूझकर इन कंपनियों के कुछ शेयर बेचने का विकल्प अपनाएगी। जब शेयर बाजार इस समय अपने चरम पर है तो ऐसा कदम उठाना सरकार के हित में है। गौरतलब है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद इन कंपनियों के शेयर की कीमतों में इस अनुमान से काफी उछाल दर्ज किया गया है कि नई सरकार की उत्साहजनक नीतियों से इन सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों को फायदा होगा। सरकार।