महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित बजट के साथ सरकार का अगला बजट उनकी आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। अगले बजट में महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है।
क्या सरकार महिला सशक्तिकरण पर अपना फोकस बनाए रखेगी?
केंद्रीय बजट 2025-26 पेश होने वाला है और इसके साथ ही यह सवाल भी सामने आ गया है कि क्या सरकार 2024 के लोकसभा चुनावों में महिलाओं की निर्णायक भागीदारी से यह स्पष्ट कर देगी कि महिला सशक्तिकरण को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा योजनाएं सिर्फ एक सामाजिक मुद्दा नहीं है. लेकिन इसका राजनीतिक स्तर पर भी व्यापक असर है.
महिला केन्द्रित योजनाओं की सफलता
2019 से 2024 के बीच महिला केंद्रित योजनाओं को अभूतपूर्व सफलता मिली है। साक्षरता कार्यक्रमों से 45 लाख महिला मतदाता जुड़ीं, जबकि मुद्रा योजना जैसी रोजगार पहल से 36 लाख महिलाओं को लाभ हुआ। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिलाओं को घर के मालिकों के रूप में पंजीकृत करके 2 मिलियन अतिरिक्त मतदाता जोड़े गए और इसी तरह, स्वच्छता और स्वास्थ्य पहल ने महिलाओं के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला।
बजट 2024-25 ऐतिहासिक कदम
पिछले बजट में महिलाओं और लड़कियों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का आवंटन किया गया था. मिशन शक्ति, कामकाजी महिला छात्रावास और कौशल विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी गई। कामकाजी माताओं के लिए क्रेच सुविधाओं, महिला उद्यमिता के लिए वित्तीय योजनाओं और सुरक्षा पर विशेष ध्यान ने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया।
बजट 2025-26 से उम्मीदें
अगले बजट में महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। डिजिटल साक्षरता, स्टार्टअप्स में भागीदारी और उद्योग-विशिष्ट कौशल विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जा सकती है। स्वास्थ्य योजनाओं और स्वच्छता कार्यक्रमों का विस्तार भी संभावित है। ग्रामीण महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना और जनधन योजना जैसी विशेष योजनाओं का दायरा बढ़ाया जा सकता है. महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित सरकारी बजट उनकी आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। 2024 के चुनावों में महिलाओं की अहम भूमिका और महिला केंद्रित योजनाओं की सफलता बताती है कि महिला केंद्रित विकास न केवल एक सामाजिक जरूरत है बल्कि एक आर्थिक प्राथमिकता भी है।