Budget 2025: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट

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भारत सरकार 1 फरवरी 2025 को यूनियन बजट पेश करेगी। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा, जिससे आम जनता, खासकर मिडिल क्लास, महिलाएं, और टैक्सपेयर्स को बड़ी उम्मीदें हैं। यह बजट न केवल आर्थिक नीतियों की दिशा तय करेगा, बल्कि जनता के जीवन स्तर को प्रभावित करने वाले कई महत्वपूर्ण फैसले भी पेश कर सकता है।

इस मौके पर आइए जानते हैं, आजाद भारत के पहले बजट से लेकर अब तक के महत्वपूर्ण बजट रिकॉर्ड्स और ऐतिहासिक परंपराओं के बारे में।

आजादी के बाद पहला बजट

आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था। यह बजट देश के पहले वित्त मंत्री आर. के. शणमुखम चेट्टी ने पेश किया।

  • इस बजट में देश के राजस्व और खर्च का पहला खाका तैयार किया गया।
  • यह उस समय की आर्थिक चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था।

आजादी से पहले का पहला बजट

भारत में पहला बजट 1860 में पेश किया गया था।

  • इसे ब्रिटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने तैयार किया।
  • उस समय का बजट केवल अंग्रेजी में तैयार होता था और ब्रिटिश शासन की जरूरतों के हिसाब से बनाया जाता था।

सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री

भारत में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है।

  • उन्होंने 10 बार यूनियन बजट पेश किया।
  • उनके बाद पी. चिदंबरम ने 9 बार और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 8 बार बजट पेश किया।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब तक 7 बार बजट पेश कर चुकी हैं। 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाला बजट उनका आठवां बजट होगा।

सबसे लंबा बजट भाषण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को सबसे लंबा बजट भाषण दिया।

  • यह भाषण 2 घंटे 42 मिनट तक चला।
  • सुबह 11 बजे शुरू हुआ भाषण दोपहर 1:40 बजे तक चला।
  • हालांकि, तबीयत खराब होने के कारण वह अपना भाषण पूरा नहीं कर पाईं और दो पन्ने अनपढ़े रह गए।

बजट की ऐतिहासिक परंपरा

भारत में हर साल बजट पेश करना न केवल आर्थिक नीति का हिस्सा है, बल्कि यह देश की प्राथमिकताओं और विकास योजनाओं को दर्शाने का भी माध्यम है।

  1. जनता और उद्योग पर प्रभाव:
    • बजट भाषण में वित्त मंत्री द्वारा किए गए प्रस्तावों का असर हर वर्ग पर पड़ता है।
    • यह नीतियां मूलभूत सुविधाओं, कर दरों, सब्सिडी, और सरकारी योजनाओं के जरिए आम जनता की जिंदगी को प्रभावित करती हैं।
  2. आर्थिक दिशा का निर्धारण:
    • बजट देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक रोडमैप तैयार करता है।
    • इसमें सरकारी खर्च, राजस्व वसूली, और नई योजनाओं की घोषणा शामिल होती है।

बजट 2025 से क्या उम्मीदें हैं?

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट है, जिससे जनता को कुछ बड़ी उम्मीदें हैं:

  1. मिडिल क्लास और टैक्सपेयर्स के लिए राहत:
    • इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव या रिबेट बढ़ाने की संभावना।
    • गृह ऋण और शिक्षा ऋण पर अतिरिक्त छूट मिल सकती है।
  2. महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएं:
    • महिलाओं के लिए नए स्वरोजगार कार्यक्रम।
    • स्टार्टअप्स और नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान।
  3. कृषि और ग्रामीण विकास:
    • किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नई घोषणाएं।

बजट: अर्थव्यवस्था का दर्पण

यूनियन बजट केवल एक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, यह देश की आर्थिक प्राथमिकताओं और सामाजिक प्रतिबद्धताओं का प्रतिबिंब है।

  • यह दर्शाता है कि सरकार राजस्व को कैसे एकत्र करेगी और उसे कहां खर्च करेगी।
  • हर बजट में उन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है, जो देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।